दा एंगल।
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा में मंत्रियों, विधायकों के वेतन बढ़ाने संबंधित बिल को पास कराने में मिनटों का समय भी नहीं लिया। चंद मिनट में ही बिना किसी चर्चा या विरोध पास हो गया। ढाई साल के भीतर यह दूसरा मौका है, जब सीएम, मंत्री, विधायक, स्पीकर, नेता प्रतिपक्ष सहित पूर्व विधायकों के वेतन में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में 26 अप्रैल 2017 को मंत्रियों और विधायकों के वेतन बढ़ाए गए थे।
विधायकों और मंत्रियों के वेतन बढ़ने के बाद वित्त विभाग के अधिकारियों ने यह तक नहीं कहा कि इससे राज्य के राजस्व पर भार पड़ेगा। अगर यही पैसे किसी सरकारी कर्मचारी के पैसे बढ़े होते तो सभी प्रमुख अखबार और वित्त विभाग इस रोक लगा देता और कहता कि इससे राज्य के वित्त पर भार पड़ेगा। सरकारी भर्ती निकालने पर पहले ही वित्त विभाग उस रोक लगा देता है। कहता कि सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि वो इसका खर्च वहन कर सके। अब वित्त विभाग बताए कि विधायकों और मंत्रियों के पैसे बढ़ने से राज्य के वित्त में बढ़ोतरी होगी या भार पड़ेगा।
Posted by–Rakesh Sharma