दा एंगल।
जयपुर।
राजस्थान की रूप कंवर प्रदेश और देश की आखरी सती थी। इस मामले में आठ आरोपियों पर सती प्रथा के महिमामंडन का आरोप है। जयपुर के सती निवारण कोर्ट में इस मामले की 32 साल तक सुनवाई हुई, जिसमें अब तक 11 आरोपी बरी हो चुके हैं।
इस पूरे मामले में पुलिस ने 39 लोगों पर केस दर्ज किया था। इसमें से कुछ लोगों की मौत हो गई और कुछ लोग बरी हो गए। 8 आरोपियों को लेकर राजस्थान सरकार और आरोपियों के वकील के बीच बहस पूरी हो गई। मामले में आठ आरोपी श्रवण सिंह, महेंद्र सिंह, निहाल सिंह, जितेंद्र सिंह, उदय सिंह, नारायण सिंह, भंवर सिंह और दशरथ सिंह हैं।
ये है पूरा मामला-
जयपुर की रहने वाली 18 साल की रूप कंवर की शादी सीकर जिले के दिवराला में माल सिंह शेखावत से हुई थी। शादी के 7 महीने बाद माल सिंह की बीमारी से मौत हो गई। तब पत्नी रूप कंवर ने पति की चिता पर सती होने की इच्छा जताई और 4 सितंबर 1987 को सती हो गई।इसके बाद गांव के लोगों ने उसको सती मां का रूप दे दिया और मंदिर बनवा दिया। वहां पर बड़ा चुनरी महोत्सव भी किया गया। बाद में देशभर में हंगामा मचा तो जांच की गई। जांच में पाया गया रूप कंवर अपनी इच्छा से सती नहीं हुई थी।
उस वक्त राजस्थान के मुख्यमंत्री हरीदेव जोशी थे। उन्होंने 39 लोगों के खिलाफ हाई कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था। इन सब पर आरोप था कि दिवराला गांव में इकट्ठा होकर सती प्रथा का महिमामंडन किया। बता दें कि राजस्थान में सती प्रथा की परंपरा थी।