उत्तर प्रदेश का निजामपुर गांव एक शादी की वजह से खासी चर्चा में आ गया है. कासगंज जिले के इस गांव की शीतल की शादी सिकंदराराऊ के बसई गांव के रहने वाले संजय जाटव (27) से तय हुई थी. संजय की चाहत थी कि उसकी बारात घोड़ी पर निकले. लेकिन यहां के ठाकुरों को यह मंजूर नहीं था. उनका कहना था कि इस गांव में कभी कोई दलित घोड़ी पर सवार नहीं हुआ है इसलिए संजय बेफिज़ूल जिद कर बात को आगे न बढ़ाए. इसके लिए गांव के ठाकुरों ने संजय को चेतावनी भी दी थी. लेकिन वह नहीं माना और जाकर पुलिस और हाईकोर्ट में अपील कर दी. नतीजन प्रशासन ने अलग-अलग थानों के 350 पुलिसकर्मियों को शादी से एक दिन पहले ही गांव में तैनात कर दिया. इतना ही नहीं इस शादी में खुद उपजिलाधिकारी समेत पुलिस उपअधिक्षक समेत कई बड़े अधिकारी भी शामिल रहे.
खबरों के मुताबिक संजय के घोड़ी पर चढ़ने से लेकर दुल्हन को विदा करवाने तक पुलिस खासी मुस्तैद रही. इसके लिए सबसे पहले तो बारात के लिए सबसे सुरक्षित रास्ते का चयन किया गया. रास्ते में पड़ने वाले सभी घरों की छतों पर पुलिस और पीएसी के जवानों ने मोर्चा संभाला. शादी से जुड़ी किसी भी तरह की आशंका के मद्देनज़र गांव के 37 लोगों को पाबंद भी किया गया था जो शादी वाले दिन गांव से बाहर रहे थे. इस शादी में शामिल होने वाले मेहमानों की बाकायदा मेटल डिटेक्टर से तलाशी भी ली गई.