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INX Media Case: चिदंबरम क्यों नहीं निकल पा रहे CBI की कैद से…

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द एंगल।

नई दिल्ली।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया केस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिहाड़ जेल में बंद पी. चिदंबरम की जमानत याचिका पर CBI से जवाब मांगा है। वहीं चिदंबरम ने 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने संबंधी निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस ले ली है। चिदंबरम ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने को गैरकानूनी बताया है।

कही याचिका ख़ारिज हुई तो कही मिली जमानत

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में अभी तक अन्य कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है, इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। साथ ही उनसे पूछताछ भी पूरी हो चुकी है। इससे पहले, हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका 20 अगस्त को खारिज कर दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी पांच सितंबर को मनी लांड्रिंग मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। वहीं एयरसेल मैक्सिस डील केस में अन्य अदालत ने चिदंबरम व उनके बेटे को को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी थी। सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की अनुमति प्रदान करने में कथित अनियमितता के आरोप में 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी।

चिदंबरम पर ये है आरोप-

2007 में कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी जबकि विदेशी निवेश के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की सलाहकार समिति की इजाज़त लेना ज़रूरी है। आरोप है कि इस मामले में सभी नियमों को ताक पर रखा गया था। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है। उस दौरान चिदंबरम केंद्र में वित्त मंत्री थे। इस मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफ़आईआर दर्ज की थी। आरोप है कि कार्ति ने ही आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी को पी. चिदंबरम से मिलवाया था। यह भी आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाने में कार्ति चिदंबरम ने घूस के तौर पर मोटी रकम ली थी। इस मामले में कार्ति चिदंबरम को गिरफ़्तार भी किया गया था। हालाँकि बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई थी। फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जाँच शुरू कर दी थी।

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