तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ संसद में रखे गए अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है. टीडीपी ने यह प्रस्ताव मानसून सत्र के पहले दिन पेश किया था जिस पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने अपनी मंजूरी दी है. लेकिन चर्चा है कि अविश्वास प्रस्ताव पास करवाने के लिए विपक्ष के पास लोकसभा में आवश्यक संख्याबल नहीं है. यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी इन दावों से इत्तेफाक़ नहीं रखती. मीडिया से हुई बातचीत में उन्होंने कहा है कि- कौन कहता है कि हमारे पास संख्याबल नहीं है?
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में टीडीपी ने भाजपा को अपना समर्थन दिया था. लेकिन बाद में आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने पर पार्टी भाजपा शीर्ष नेतृत्व से खासी नाराज है. इसी के चलते संगठन ने बजट सत्र के दौरान भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था. लेकिन तब लोकसभा में हंगामे के चलते अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे स्वीकार नहीं किया था.
इस प्रस्ताव पर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रिमो लालू प्रसाद यादव से समर्थन मांगने गए टीडीपी सांसद मोहन राव ने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्रप्रदेश की जनता से किया वायदा नहीं निभाया जिस वजह से भाजपा से हमारा भरोसा उठ चुका है. चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी ने यकीन दिलाया था कि चार साल में आंध्रप्रदेश को दिल्ली से भी बेहतर बना देंगे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. जब तक कि हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती है हम अपने हक़ के लिए लड़ते रहेंगे.