दा एंगल।
जयपुर।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जानवरों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। बायोलॉजिकल पार्क में 2 दिन में एक शेरनी और एक बाघ शावक की मौत हो जाने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। 2 दिन पहले एशियाटिक शेरनी सुजैन की मौत हुई और शनिवार को अचानक 10 महीने की बाघिन रिद्धि ने दम तोड़ दिया। बाघिन रिद्धि की मौत से वन्यजीव प्रेमियों में निराशा है, क्योंकि करीब 14 साल बाद जयपुर में बाघ शावकों का जन्म हुआ था।
बाघिन रिद्धि के विसरा सैंपल जांच के लिए भेजे
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में दो दिन पहले एशियाटिक शेरनी सुजैन की मौत हुई थी, उसकी मौत का कारण केनाइन डिस्टेंम्पर बताया गया है। वहीं उसके दूसरे दिन अचानक बाघिन रिद्धि की मौत हो गई। फिलहाल उसका पोस्टमाटर्म कर दाह संस्कार कर दिया गया है। प्रथम दृष्ट्यता में बाघिन रिद्धि की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है, लेकिन ये समझना मुश्किल है कि एक 10 महीने की शावक को कार्डियक अरेस्ट कैसे आ सकता है। रिद्धि का पोस्टमार्टम किया गया है और उसके विसरा सैंपल आईवीआरआई और अन्य लैबोरेट्रीज में भेजे जा रहे हैं।
‘केनाइन डिस्टेंपर’ ने नाहरगढ़ में दी दस्तक
वन विभाग के मुताबिक आशंका है कि रिद्धि के विसरा में भी केनाइन डिस्टेंपर वायरस पाया गया तो यह बायोलॉजिकल पार्क में पल रहे दर्जनों वन्यजीवों के लिए बहुत बड़े खतरे का संकेत है। कुत्तों से फैला कैनाइन डिस्टेंपर वायरस शेर और बाघ के लिए खतरा बना गया है। यह वायरस कभी भी उनपर कहर बरपा सकता है। अभी तक इसके संक्रमण से जूझ रहे शेर-बाघों को बचाने वाली कोई वैक्सीन तक यहां मौजूद नहीं है। ऐसे में कुत्तों के लिए बनी वैक्सीन के शेर और बाघ पर टेस्ट की अनुमति लेने की तैयारी चल रही है। इसके लिए आईवीआरआई ने मिनिस्ट्री ऑफ इंनवार्यन्मेंट और सेंट्रल जू अथॉरिटी को पत्र भेजा भी भेजा था।