दा एंगल।
शाहजहांपुर।
शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद जिला कारागार में बंदियों के खर्राटों से काफी परेशान है। दरअसल, जिस बैरक में स्वामी चिन्मयानंद है, उसमें 25 कैदी रहते हैं। ऐसे में वह अगल-बगल लेटे अन्य बंदियों के खर्राटों से काफी बेचैन है।
वहीं, बैरक में पंखे तो चल रहे थे, मगर उनकी हवा इतनी तेज नहीं थी कि मच्छरों को रोक सके। ऐसे में चिन्मयानंद बैरक की छत निहारते रहे तो कभी दीवारें। जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने मीडिया को बताया कि चिन्मयानंद को शुक्रवार को जिला कारागार लाया गया था। चिन्मयानंद ने इसके बाद दोपहर और शाम का भोजन किया। रात में चिन्मयानंद साढ़े दस बजे सोए और सुबह साढ़े तीन बजे जाग गए।
गुमसुम बैठे रहे स्वामी चिन्मयानंद
जेल सूत्रों के अनुसार, जेल की पहली रात चिन्मयानंद को ठीक से नींद नहीं आई। वह जेल में गुमसुम बैठे रहे और यहां उनकी पहली रात मुश्किलों भरी रही। चिन्मयानंद को देर रात तक नींद नहीं आई और वो करवटें बदलते रहे।
चिन्मयानंद को नहीं दी जा रही VIP सुविधा
जेल अधीक्षक ने बताया कि चिन्मयानंद ने इसके बाद लगभग एक घंटे ध्यान लगाया और पांच बजे बैरक खुलने तक वह अंदर ही टहलते रहे। उन्होंने आगे बताया कि आज सुबह चिन्मयानंद ने दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के पश्चात सुबह नाश्ते में बंदियों को मिलने वाली चाय पी और दलिया खाया। दोपहर में उन्होंने दाल-रोटी और सब्जी खाई। उन्होंने बताया कि चिन्मयानंद को कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जा रही है। चिन्मयानंद साधारण कैदियों की तरह बैरक में अन्य बंदियों के साथ रह रहे हैं।
चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि आज शनिवार होने के कारण जिला अदालत के अधिवक्ता हड़ताल पर रहते हैं। अधिवक्ता लंबे समय से शाहजहांपुर को लखनऊ उच्च न्यायालय की पीठ से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। इसीलिए प्रत्येक शनिवार को यहां के अधिवक्ता हड़ताल पर होते हैं। इसी के चलते आज चिन्मयानंद की जमानत अर्जी दाखिल नहीं की जा सकी।