दा एंगल।
नई दिल्ली।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलों का अंत नहीं हो रहा है। एक बाद एक मामले में फंसते चले जा रहे हैं। आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली हाइकोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ पी. चिदंबरम की जमानत खारिज कर दी है। फिलहाल अब वे जेल में ही रहेंगे।
पी. चिदंबरम की जमानत का फैसला अदालत ने रखा था सुरक्षित
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पी चिदंबरम की जमानत संबंधी अपील पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने चिदंबरम द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई पूरी की और पूर्व वित्त मंत्री की जमानत संबंधी अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिका में चिदंबरम ने खुद को जमानत न देने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई। सीबीआई ने इस मामले में उनके बेटे कार्ति को गिरफ्तार किया था और फिलहाल जमानत पर है।
पी. चिदंबरम के बेटे पर भी पैसे लेने का आरोप
कार्ति पर 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी दिलाने के लिए पैसे लेने का आरोप है। उस वक्त उनके पिता संप्रग सरकार में वित्तमंत्री थे। सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआई का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिलाने में अनियमितताएं बरती गईं और 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश हासिल किया गया। सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि एफआईपीबी मंजूरी को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्ति को रिश्वत के रूप में 10 लाख रुपए मिले थे। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रही है। दरअसल, सीबीआई उनके खिलाफ जालसाजी की जांच कर रही है। अगर चिदंबरम पर आरोप सही साबित होते हैं तो उनको 10 साल की सजा हो सकती है।