पिछले कुछ समय से उत्तर कोरिया और अमेरिका में परमाणु कार्यकर्म को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। परमाणु कार्यक्रम को लेकर उत्तर कोरिया और अमेरिका में गतिरोध के हालात बने हुए है । अमेरिका के साथ चल रहे गतिरोध पर उत्तर कोरिया ने चल रहे गतिरोध की संयुक्त राष्ट्र में निंदा की। कोरिया ने अंतरास्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस विषय पर आकर्षित किया। समुदाय को बताया की ये जो गतिरोध की समस्या है वह अमेरिका के राजनैतिक और सैन्य उकसावे के कारण है। उत्तर कोरिया ने इस गतिरोध की जिम्मेदार पूरी तरह जिम्मेदार अमेरिका को बताया है।
परमाणु कार्यकर्म पर बातचीत अमेरिका पर निर्भर
नार्थ कोरिया के राजदूत किम जोंग के अनुसार अब अमेरिका पर ही निर्भर करता है कि वह बातचीत के अवसर तैयार करता है या नहीं। किम जोंग ने कहा की अब देखना ये है की अमेरिका बातचीत से ये मुद्दा सुलझाता है या फिर संकट की स्तिथि पैदा करता है। किम जोंग ने सयुंक्त राष्ट्र महासभा में अमरीका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा की कोरियाई प्रायद्वीप बढ़े हुए तनाव के अनेक चक्रों से बाहर नहीं निकल पाया है। इसके जिम्मेदार अमेरिका के राजनीतिक और सैन्य उकसावे है। किम जोंग ने अमेरिका को दो विकल्प देते हुए कहा की अमेरिका ही तय करेगा की वह बातचीत चाहता है या फिर इस संकट को और बढ़ाना चाहता है। नार्थ कोरिया ने अमेरिका को अपनी नाराजगी सयुंक्त राष्ट्र संघ में जतायी।
सैन्य अभ्यास पर साधा निशाना
किम जोंग ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए सयुंक्त राष्ट्र संघ में कहा की अभी तक बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई है। किम ने इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया का संयुक्त सैन्य अभ्यास भी प्रगति में बाधा के लिए जिम्मेदार है। अमेरिका और साउथ कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास को उत्तर कोरिया ने अपनी संप्रभुता के लिए खतरा बताया।