दा एंगल।
नई दिल्ली।
भारत में इस साल मानसून ने रिकाॅर्ड तोड़ दिया है। मानसून ने जहां देश के लोगों को राहत दी है वहीं कई जगह यह आफत बनकर टूट पड़ी। जोरदार बारिश से जहां बांधों-तालाबों में भरपूर आया है। वहीं कई जगह बारिश से आपदा बनकर टूट पड़ी। राजस्थान में भी इस बार मानसून की जोरदार बारिश हुई। प्रदेश में इस मानसून में 46 प्रतिशत से अधिक बारिश हो गई है। अधिकतर मानसून सिंतबर के अंत के विदा हो जाता है, लेकिन इस बार मानसून अधिक समय तक टिका हुआ है। जाते-जाते मानसून ने राजस्थान के कई इलाकों में जोरदार बारिश की है। वहीं देश की बात करें तो जोरदार बारिश और बाढ़ से देश के कई राज्यों में हालात खराब हैं।
बारिश से बेहाल हुए पूर्वी यूपी और बिहार
बिहार की राजधानी पटना के सड़कों पर जहां पानी बह रहा है, वहीं पूर्वी यूपी में बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। इस साल मॉनसूनी बारिश से 14 राज्यों में एक हजार 685 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग लापता हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 25 साल में यह अब तक की सबसे अधिक मॉनसूनी बारिश है, जिससे देश के 277 जिले जलमग्न हो गए। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने बिहार को बेहाल कर रखा है। राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिलों में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है।
प्राकृतिक आपदाओं से 80 अरब डॉलर नुकसान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 8 हजार 700 राहत शिविर बनाए गए। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं की वजह से दुनियाभर में हर साल 2 करोड़ 60 लाख लोग गरीबी में जीवन बिताने को मजबूर हो जाते हैं। वर्ष 1998 से लेकर 2017 के बीच दुनिया में आई सभी प्राकृतिक आपदाओं में 44 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ का है।
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि वर्ष 1998 से लेकर 2017 के बीच भारत को प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 80 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। प्राकृतिक आपदाओं के शिकार विश्व के शीर्ष 5 देशों को कुल 3 ट्रिल्यन डॉलर का नुकसान हुआ। इन शीर्ष 5 देशों में भारत भी शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ की वजह से हर साल भारत में एक हजार 600 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसके अलावा एक हजार 800 करोड़ की संपत्ति का नुकसान होता है।