Home National आखिर इन 13 तोतों को क्यों अदालत में पेश किया गया…..

आखिर इन 13 तोतों को क्यों अदालत में पेश किया गया…..

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Parrot In Cage

दा एंगल।
नई दिल्ली।
अदालतों में तरह-तरह के कैसेज आते रहते हैं। अदालत में ज्यादातर केस जमीन जायदाद और कई तरह के होते है। इन केसों को लड़ने वाले इंसान होते हैं और सजा भी उन्हीं को होती है। कभी आपने ऐसा नजारा देखा नहीं होगा जब अदालत में इंसान की जगह 13 तोतों को पेश किया गया। देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत में एक ही केस आया जहां इंसान की जगह 13 तोतों की पेशी हुई।

13 तोतों हुए दिल्ली की अदालत में पेश

यह अनूठा नजारा है दिल्ली की अदालत का। जहां पिंजरे में बंद करके 13 तोतों को पेश किया गया। अब आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर तोतों ने ऐसा कौन सा अपराध कर दिया जिसकी वजह से उनको अदालत में पेश होना पड़ा। वास्तव में तोतों को कोर्ट में एक उजबेक नागरिक की हरकत की वजह से आना पड़ा।

रखमतजोनोव नाम के इस उजबेक को सीआईएसएफ ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय पकड़ा था, जब वह जूतों के डिब्बों में रखकर तोतों की अपने देश तस्करी की कोशिश कर रहा था। उसके पास से कई डिब्बों में से ये सभी जीवित तोते बरामद किए गए। कानून के मुताबिक, किसी केस से संबंध रखने वाली संपत्ति को अदालत में पेश करना जरूरी है। इसलिए इन तोतों को कोर्ट में पेश करना पड़ा। बाद में अदालत के आदेश पर इन्हें देख-रेख के लिए ओखला बर्ड सेंचुरी के अधिकारियों को सौंप दिया गया।

कस्टम विभाग ने वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत दर्ज किया केस

कस्टम विभाग ने आरोपी उजबेक नागरिक के खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इसके मुताबिक, भारत से तोतों का निर्यात प्रतिबंधित है। यानी उन्हें बाहर ले जाने पर रोक है।

आरोपी उजबेक नागरिक ने जमानत की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट ने उसे राहत देने से इनकार करते हुए 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सीआईएसएफ की पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि ये तोते उसने पुरानी दिल्ली के एक विक्रेता से खरीदे थे। उसके देश में तोतों की भारी मांग है, इसलिए वह इन्हें तस्करी करने की कोशिश कर रहा था।

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