दा एंगल।
नई दिल्ली।
भारत की पहली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 35 वीं बरसी है। इंदिरा ही भारत की पहली ऐसी सशक्त महिला प्रधानमंत्री थीं जिनके बुलंद हौसलों के आगे पूरी दुनिया ने घुटने टेक दिए थे। इसी वजह से उन्हें आयरन लेडी भी कहा जाता था। इंदिरा भारत के लिहाज से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के परिप्रेक्ष्य में भी बेहद अहम थीं। यह उनके बुलंद हौसले ही थे जिसकी बदौलत बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया।
भारत ने उनके ही राज में पहली बार अंतरिक्ष में अपना झंडा स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के रूप में फहराया था। इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को मोतीलाल नेहरू के घर में हुआ था। उनका बचपन का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था। उनकी मां का नाम कमला नेहरू था।
इंदिरा गांधी ने किया था फिरोज गांधी से विवाह
महाद्वीप यूरोप और ब्रिटेन में रहते समय उनकी मुलाकात एक पारसी कांग्रेस कार्यकर्ता, फिरोज गांधी से हुई और उन्हाेंने 16 मार्च 1942 को आनंद भवन इलाहाबाद में एक निजी ब्रह्म-वैदिक समारोह में उनसे विवाह किया। 1944 में उन्होंने फिरोज गांधी के साथ राजीव गांधी और इसके दो साल के बाद संजय गाँधी को जन्म दिया। इंदिरा गांधी को गांधी सरनेम महात्मा गांधी ने ही दिया था।
इंदिरा गांधी का सक्रिय राजनीति में आना काफी बाद में हुआ। वह अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद राजनीति में आईं। उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में सूचना और प्रसारण मंत्री का पद संभाला था। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री के निधन पर वह देश की तीसरी प्रधानमंत्री चुनी गईं। इंदिरा गांधी को वर्ष 1971 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
पाकिस्तान के किए थे दो टुकड़े
उन्होंने ही 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद उसके दो टुकड़े कर दिए थे। पूर्वी पाकिस्तान को उन्होंने तोड़कर बांग्लादेश बना दिया था। दुनिया और भारत के लिए 18 मई 1974 का दिन ऐतिहासिक था जब राजस्थान के पोकरण में पहला परमाणु परीक्षण किया था। यह भारत को परमाणु सम्पन्न बनाने की दिषा में पहला कदम था।
प्रधानमंत्री काल में किए कई ऐतिहासिक फैसले
इंदिरा गांधी 1966 से 1977 तक लगातार प्रधानमंत्री बनी थीं। उन्होंने ने ही 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल भी लगाया था। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के ही बाॅडीगार्डों ने उनको गोलियों से छलनी कर दिया। इस तरह भारत की राजनीति में एक आयरन लेडी का अंत हो गया। इंदिरा गांधी के बाद से आज तक उनके मुकाबले कोई लेडी भारत की राजनीति में अब तक नहीं आई है।