दा एंगल।
नई दिल्ली।
भारत में बढ़ती जनसंख्या को लेकर हर कोई चिंतित है। इस तरह से देश की जनसंख्या बढ़ती रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि भारत में रहने-खाने के साथ ही भुखमरी की समस्या अपना विकराल रूप ले लेगी। इसको लेकर आरएसएस और उसकी सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं ने मैराथन बैठक की।
जनसंख्या सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा
वर्ष 2021 में राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना के बाद देश भर में चरणबद्घ तरीके से असम की तर्ज पर देश भर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर लागू किया जाएगा। बैठक में भविष्य में नई जनसंख्या नीति, अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद की स्थिति और अयोध्या विवाद के संदर्भ में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भी लंबी चर्चा हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में सबसे अधिक चर्चा अयोध्या विवाद पर इसी महीने आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हुई। संघ चाहता है कि पक्ष में फैसला आने के बाद इसका असर सामाजिक सद्भाव पर नहीं पड़े। इससे बचने केलिए संघ ने अपने अनुषांगिक संगठनों के जरिए फैसले के बाद समर्थकों को उन्माद में आने से रोकने की व्यूह रचना की है। संघ चाहता है कि निर्णय पर प्रतिक्रिया जताने के दौरान समर्थन संयमित और शालीन रहें।
नई जनसंख्या नीति की जरूरत पर बल
बैठक के एक सत्र में नई जनसंख्या नीति की जरूरत पर बल दिया गया। संघ का मानना है कि इस पर नियंत्रण के लिए जल्द ही नई जनसंख्या नीति लागू किये जाने की जरूरत है। इस दौरान असम सरकार द्वारा दो बच्चों से अधिक बच्चों वाले माता-पिता को सरकारी नौकरी से वंचित किए जाने के फैसले का स्वागत किया गया। जनसंख्या नियंत्रण के लिए संघ ने भाजपाशासित अन्य राज्यों से भी ऐसी ही नीति बनाने की उम्मीद जताई है। संघ चाहता है कि दो बच्चों से अधिक बच्चों वाले माता-पिता को सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित किया जाना चाहिए।