Home Society ठग बेहराम ने दिया था ठगी को एक नया अर्थ

ठग बेहराम ने दिया था ठगी को एक नया अर्थ

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दा एंगल।
नई दिल्ली।
ठग नाम सुनते ही आदमी में कुछ अलग तरह की फीलिंग आती है। दुनिया में तरह-तरह की ठगी हुई है। बहुत से ठग हुए है, लेकिन भारत का ऐसा ठग जिसके खिलाफ ना-ना करते उस पर 931 से अधिक मर्डर केस दर्ज थे। इसी वजह से उसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकाॅर्ड मेंं दर्ज है।

दरअसल जब अंग्रेज भारत आए तो उनका सामना ऐसे-ऐसेे ठगों से हुआ जो अपनी बुद्धिमता, चतुराई और झांसे देकर अंग्रेजों को जमकर ठगा। अंग्रेजों को भी उनका लोहा मानना पड़ा। इसी में एक ठग था बेहराम
बेहराम ने 125 हत्याएं की थी और 931 हत्याओं में वो शामिल रहा था। आज ठगों और पुराने जमाने के ठगों में काफी अंतर था। पुराने जमाने के ठग बहुत ही खूंखार प्रवृत्ति के होते थे। उनका एक गिरोह होता था, जो काफिलों में वेष बदलकर साथ लग जाता था। मौका देख कर लोगों की हत्या करके लूट लेता था.

बेहराम ने पीले रुमाल से किए थे कत्ल

उस जमाने के लोगों का कहना था कि बहराम एक बार जिस रास्ते से गुजरता था, वहां लाशों की ढेर लग जाता था। वह पीले रुमाल से लोगों की हत्या करता था। दिल्ली से लेकर ग्वालियर और जबलपुर तक उसका इस कदर खौफ हो गया था कि व्यापारियों ने रास्ता चलना बंद कर दिया था।

व्यापारियों, पर्यटकों, सैनिकों और तीर्थयात्रियों का पूरा काफिला रहस्यमय तरीके से गायब हो जाता था। सबसे हैरानी की बात तो ये थी कि पुलिस को इन लगातार गायब हो रहे लोगों की लाश तक नहीं मिलती थी। 1809 मे अंग्रेज अफसर कैप्टन विलियम स्लीमैन को गायब हो रहे लोगों के रहस्य का पता लगाने की जिम्मेदारी सौपी गई।

गिरोह में थे 200 सदस्य

कैप्टन स्लीमैन की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि बहराम ठग का गिरोह इस काम को अंजाम देता है। इस गिरोह में करीब 200 सदस्य थे। इसके बाद ठगों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी गई। इसके लिए बाकयदा एक विभाग बनाया गया, जिसका मुख्यालय जबलपुर में था। स्लीमैन ने दिल्ली से लेकर जबलपुर तक के हाईवे के किनारे के जंगल साफ करा दिए. गुप्तचरों का एक बडा जाल बिछाया।

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