The Angle
जयपुर।
देशभर में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि पॉक्सो एक्ट के तहत ऐसे अपराधियों के लिए दया याचिका का विकल्प खत्म होना चाहिए। राष्ट्रपति राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्मकुमारीज संस्था के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा कि संसद को इस संबंध में विचार करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ आसुरी अपराधों को रोकने के लिए जरूरी है कि हम लड़कों के मन में बेटियों और महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव जगाएं, उन्हें महिलाओं और बेटियों का सम्मान करने के लिए प्रेरित करें। राष्ट्रपति ने कहा, ‘महिला सुरक्षा एक गंभीर विषय है। इस पर काफी काम हुआ है, लेकिन अब भी बहुत से काम होने बाकी है। लड़कों में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत करने की जिम्मेदारी देश के हर माता-पिता की है, साथ ही मेरी और आपकी भी है।’
राष्ट्रपति ने बताई देश के पहले नागरिक की नई परिभाषा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर देश का प्रथम नागरिक माने जाने वाले राष्ट्रपति को नए रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा, ‘यदि इस देश में 135 करोड़ लोग हैं, तो उनमें प्रथम नागरिक होने का अर्थ क्या है। मान लीजिए कि एक गोले में 135 करोड़ लोग खड़े हो जाएं तो फिर मैं ही नहीं बल्कि मुझसे हटकर जिस पर भी उंगली रखी जाएगी, वह पहला नागरिक ही होगा।’
राष्ट्रपति भवन पहुंची निर्भया केस के दोषियों की दया याचिका
इसी बीच आज से 7 साल पहले 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ दिल्ली में गैंगरेप और हत्या के आरोपियों की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से इस याचिका को खारिज करने की भी गुजारिश की है। बता दें कि याचिका कि यह फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से होते हुए गृह मंत्रालय पहुंची थी।
दया याचिका पर आगे क्या ?
मंत्रालय द्वारा अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजना प्रक्रिया का हिस्सा है। अब राष्ट्रपति दया याचिका पर अंतिम निर्णय लेंगे। अगर राष्ट्रपति इस दया याचिका को खारिज कर देते हैं, तो निर्भया मामले से संबंधित चारों आरोपितों को फांसी दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। ऐसे में संबंधित कोर्ट इन चारों को फांसी पर लटकाए जाने के लिए डेट वॉरंट जारी करेगा। दया याचिका के निपटारे में गैर वाजिब देरी के आधार पर मुजरिम चाहे तो दोबारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकता है।
16 दिसंबर 2012 के आरोपियों को 16 दिसंबर को दी जा सकती है फांसी !
16 दिसंबर 2012 को निर्भया गैंगरेप की वारदात के चारों दोषियों को आगामी 16 दिसंबर को ही फांसी पर लटकाने की अटकलें लगना भी शुरु हो गई हैं। तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि चारों कैदियों को आगामी 16 दिसंबर को फांसी दी जाएगी या नहीं इस बारे में फिलहाल वे कुछ नहीं कह सकते। लेकिन इतना तय है कि जैसे ही इनकी दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज की जाएगी, वैसे ही जेल प्रशासन इन्हें फांसी दिए जाने की तैयारियां शुरू कर देगा।