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मुशर्रफ को सजा पर कोर्ट और सेना आमने-सामने

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The Angle

जयपुर।

पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद अब पाकिस्तान की सेना और अदालत आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल सेना ने अदालत के पूर्व राष्ट्रपति और तत्कालीन सेनाध्यक्ष को देशद्रोह के मामले में सजा सुनाए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में अगर यह विवाद गहराता है तो पाकिस्‍तान में संवैधानिक संकट उत्‍पन्‍न हो सकता है। अब सभी को इस बात का इंतज़ार होगा कि आखिर ऊंट किस करवट बैठता है। फैसले के सेना की ओर से भारी विरोध किए जाने के बीच पाकिस्‍तान की इमरान सरकार बैकफुट पर आ गई है। इमरान सरकार की सूचना मंत्री डॉ. फिरदौस अवान ने मीडिया के सामने बताया कि पाकिस्तान सरकार खुद मुशर्रफ को सुनाई गई इस सजा की विस्तार से समीक्षा करेगी। सरकार मुशर्रफ की मौत की सजा की खुद विस्तार से समीक्षा करेगी। उधर पाक प्रधानमंत्री ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में मुशर्रफ का मुद्दा उठ सकता है।

 

सेना के पत्र की वजह से पैदा हुआ विवाद

बताया जा रहा है कि यह विवाद सेना के एक पत्र की वजह से पैदा हुआ है, जो अभी वायरल हो रहा है। मुशर्रफ पर सुनाए गए इस फैसले के बाद पाक सेना में इसके प्रति नाराजगी है। सेना ने इस पर अभियान छेड़ रखा है। सेना ने मुशर्रफ की बहादुरी की सराहना की है। पाकिस्‍तान के डीजी आइएसपीआर ने इसको लेकर एक ट्वीट किया और एक पत्र जारी किया है। इस पत्र को सेना ने शेयर किया है।

 

‘मुशर्रफ को सजा सुनाने में की गई संविधान की अनदेखी’

इस पत्र में कहा गया है, कि पूर्व सेना प्रमुख, स्‍टाफ कमिटी के ज्‍वाइंट चीफ और पूर्व राष्‍ट्रपति, उन्होंने 40 वर्षों तक देश की सेवा की। इसके साथ ही कई अहम युद्धों ने भाग हिस्‍सा लिया। ऐसे में वे गद्दार कैसे हो सकते हैं। इस पत्र के ज़रिए सेना ने मुशर्रफ का समर्थन किया है। सेना ने अदालत के फैसले पर भी सवाल उठाया है। सेना ने तर्क है कि अदालत ने मुशर्रफ को सजा देने के मामले में पाकिस्तानी संविधान की अनदेकी की है। सेना का तर्क है कि पूर्व राष्‍ट्रपति को सजा देने में आत्‍मरक्षा के अधिकार का उल्‍लंघन किया गया है। साथ ही इसमें मौलिक अधिकारों का उल्‍लंघन किया गया है। मुशर्रफ के समर्थन वाले इस पत्र में कहा गया है, कि हम उम्‍मीद करते हैं कि परवेज मुशर्रफ के साथ न्‍याय किया जाएगा।

 

मौत की सजा पाने वाले पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति हैं मुशर्रफ

गौरतलब है कि देशद्रोह के एक मामले में पाकिस्तान की पेशावर हाईकोर्ट ने मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई है। उन पर आपातकाल लगाने का आरोप था। बता दें मुशर्रफ ने नवंबर, 2009 में पाकिस्तान में आपातकाल लगाया था। इसके बाद नवाज शरीफ की सरकार ने 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में 31 मार्च 2014 को उन्हें मामले में दोषी ठहराया गया था। उल्लेखनीय है कि मार्च, 2016 से मुशर्रफ इलाज कराने के लिए दुबंई में रह रहे हैं। इस मामले में मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया गया है। मौत की सजा पाने वाले मुशर्रफ दूसरे राष्ट्रपति हैं।

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