द एंगल।
नई दिल्ली।
उन्नाव रेप केस में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही सेंगर पर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है।
सेंगर को उम्र कैद की सजा
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी माना और सजा का ऐलान करते हुए सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं फैसला के वक्त कुलदीप सेंगर जज के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहे। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया गया। सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की थी। 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। इससे पहले अदालत ने कहा था कि वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहते हैं। उन्नाव रेप कांड जघन्य साजिश, हत्या और दुर्घटनाओं से भरा हुआ है।
उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से मिलने के लिए उनके घर के करीब रहने वाली एक 17 वर्षीय किशोरी एक महिला के साथ 4 जून 2017 को नौकरी मांगने के लिए पहुंची थी। जो महिला किशोरी को लेकर वहां गई थी उसका नाम शशि सिंह था। वो सेंगर की करीबी थी। उसी के बाद अचानक एक दिन उस किशोरी ने खुलासा किया कि विधायक ने उसके साथ बलात्कार किया है। जिसके बाद ये मामला सामने आया।
जेल में की पिता की हत्या-
इस मामले में पहले तो विधायक सेंगर के भाई अतुल ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा, फिर उसे साजिश के तहत झूठे मामलों में फंसा कर पुलिस थाने भिजवा दिया। जहां उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में काफी वक्त बाद में अतुल को गिरफ्तार किया गया। जब विधायक सेंगर जेल चला गया, तब भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। वो जेल में रहकर भी पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ साजिश रचता रहा।
पीड़िता ने खोया अपना परिवार –
28 जुलाई 2019 को पीड़िता अपने चाचा, चाची और वकील के साथ उनकी कार में केस के सिलसिले में यात्रा कर रही थी। तभी हाइवे पर एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। जिससे पीड़िता के परिजनों की मौत हो गई, जबकि वो और उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में सेंगर पर हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी के लिए मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में सेंगर के भाई मनोज सिंह सेंगर, शशि सिंह और उनके सहयोगियों सहित 10 लोगों को नामजद किया गया।