The Angle
जयपुर।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आज झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। हेमंत सोरेन के अलावा कांग्रेस के विधायक आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव और आरजेडी विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
1. आलमगीर आलम:
आलमगीर आलम झारखंड में कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं। उन्होंने पाकुड़ विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। वे झारखंड विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले आलमगीर आलम पहली बार 2000 में विधायक बने थे। आलमगीर आलम ने इस बार पाकुड़ सीट से बीजेपी प्रत्याशी बेणी प्रसाद गुप्ता को करीब 65 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की।
2. रामेश्वर उरांव:
रामेश्वर उरांव झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वे लोहरदगा विधानसभा सीट से जीते हैं। उरांव केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। रामेश्वर उरांव अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
3. सत्यानंद भोक्ता:
सत्यानंद भोक्ता झारखंड में RJD के एकमात्र विधायक हैं। सत्यानंद भोक्ता इससे पहले 2014 तक बीजेपी में थे और वे पहले भी झारखंड में मंत्री रह चुके हैं।
ताजपोशी में दिखा विपक्ष का दम
हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में रांची में विपक्ष की ताकत की झलक भी देखने को मिली। रांची में उत्तर से दक्षिण और पूरब तक के नेता शामिल हुए। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच पर विपक्ष के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। समारोह में शामिल होने के लिए ममता शनिवार को ही रांची पहुंच गई थीं। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दक्षिण से तमिलनाडू की विपक्षी पार्टी डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन, सांसद टी आर बालू, सांसद कनिमोझी भी समारोह में मौजूद रहीं। इसके अलावा तेजस्वी यादव, शरद यादव, आप सांसद संजय सिंह भी रांची पहुंचे थे।
हेमंत ने दूसरी बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा विधानसभा चुनाव में राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बीजेपी को सिर्फ 25 सीटों पर जीत मिली, जबकि जेएमएम के 30 विधायक जीते और महागठबंधन को कुल 47 सीटों पर जीत मिली। हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।