दा एंगल।
मुंबई।
महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार बने अभी कुछ ही समय हुआ है। सरकार बनने के बाद और मंत्रिमण्डल के विस्तार के बाद महाअघाड़ी के तीनों लंबी बातचीत के बाद विभागों को बंटवारा कर दिया गया है। लेकिन बंटवारे को लेकर महा अघाड़ी में रार हो गई है।
महाराष्ट्र में विभाग को लेकर कुछ नेता नाराज
उद्धव मंत्रिमण्डल के विस्तार के बाद विभागों के हुए बंटवारे से शिवसेना के कुछ नेता नाराज हो गए हैं। मंत्रिमण्डल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिलने पर शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने इस्तीफे की धमकी दी है। वहीं विभाग के बंटवारे में सबसे ज्यादा फायदा जिसको हुआ है वह है एनसीपी। जितने भी अहम विभाग है वो एनसीपी और कांग्रेस के पास गए हैं। वहीं शिवसेना को इसमें से कोई भी अहम विभाग नहीं मिला है। इससे पार्टी के अंदर खींचतान शुरू हो गई है।
महत्वपूर्ण विभाग एनसीपी-कांग्रेस के पास
शिवसेना के कई दिग्गज नेता मनचाहा विभाग नहीं मिलने से नाराज है। गृह, वित्त, रेवेन्यू, हाउसिंग, पब्लिक वर्क और वाटर रिसोर्स जैसे महत्वपूर्ण विभाग एनसीपी और कांग्रेस के पास गए हैं। पूर्व सरकार में मंत्री रहे शिवसेना नेता दिवाकर रावते, रामदास कदम, रवींद्र वायकर, दीपक केसरकर को भी इस बार मौका नहीं मिला है। इस वजह से इनकी नाराजगी भी देखी जा रही है।
इसके अलावा प्रताप सरनाईक, प्रकाश अबिटकर और आशीष जायसवाल भी नाराज बताए जा रहे हैं। अब आगे दिलचस्प देखने की बात यह होगी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पार्टी में बढ़ रही रार को कैसे समाप्त कर पाएंगे। कैसे वो इस स्थिति को सुधार पाएंगे। गौरतलब है कि एनसीपी के नेता अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय और अजित पवार को वित्त मंत्रालय दिया गया है। इसके अलावा शिवसेना के नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पर्यटन और पर्यावरण मंत्रालय दिया गया है।
नए मंत्री बनाए गए पूर्व सीएम अशोक चव्हाण को उद्धव ठाकरे सरकार में शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। खास बात यह की गृह मंत्रालय समेत तमाम बड़े मंत्रालय एनसीपी को दिए गए हैं।