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जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन को सही बताने के चक्कर में ये क्या बोल गए नीति आयोग के सदस्य !

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The Angle

जयपुर।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अनिश्चितकालीन इंटरनेट बैन की पुन:समीक्षा किए जाने की बात कही थी। कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट भी फ्रीडम ऑफ स्पीच के तहत आता है। यह भी आर्टिकल 19 के अंतर्गत आता है। वहीं अब नीति आयोग के एक सदस्य वीके सारस्वत ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन को जायज़ ठहराते हुए एक विवादित बयान दिया है। नीति आयोग ने सदस्य वीके सारस्वत ने शनिवार को दावा किया, कि आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन होने से अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट का इस्तेमाल ‘गंदी फिल्में’ देखने में होता था। बता दें कि पिछले साल अगस्त माह में आर्टिकल 370 निष्प्रभावी करने के बाद कश्मीर के अधिकतर इलाकों में इंटरनेट बैन कर दिया गया था।

 

सारस्वत बोले, ‘गंदी फिल्में देखने के अलावा आप वहां कुछ नहीं करते’

समाचार एजेंसी के मुताबिक उन्होंने कहा, “राजनेता कश्मीर क्यों जाना चाहते हैं? वे दिल्ली की सड़कों पर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को कश्मीर में रीक्रिएट करना चाहते हैं। वे विरोध-प्रदर्शनों को हवा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। अगर कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप वहां इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा, आप वहां कुछ भी नहीं करते हैं।”

 

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे सारस्वत

दरअसल, सारस्वत गांधीनगर में धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में वार्षिक दीक्षांत समारोह के मौके पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। यहां वे बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। दरअसल कार्यक्रम में उनसे पूछा गया था कि जब उन्हें लगता है कि भारत के विकास के लिए दूरसंचार महत्वपूर्ण है, तो जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित क्यों कर दिया। इसी सवाल के जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं।

 

आर्टिकल 370 हटाने बाद बंद कर दी गई थीं इंटरनेट, मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं

गौरतलब है कि पिछले साल केंद्र के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने की 5 अगस्त को घोषणा की पूर्व संध्या पर जम्मू कश्मीर में इंटरनेट, लैंडलाइन, मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गई थीं।

 

जम्मू-कश्मीर में प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर लगी रोक हटाई

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने घाटी में प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर पांच महीने से लगी रोक को शनिवार को हटाने का आदेश दिया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा पूरे जम्मू क्षेत्र में पोस्टपेड कनेक्शनों पर 2जी मोबाइल डाटा सेवा भी बहाल कर दी गई। वहीं कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइलों पर 2जी मोबाइल डाटा सेवा केवल दो जिलों – कुपवाड़ा और बांदीपोरा में शुरू की गई हैं। प्रशासन ने घाटी में सॉफ्टवेयर सेवाएं देने वाली कंपनियों से फिक्स्ड लाइन इंटरनेट संचार सेवा को सावधानीपूर्वक शुरू करने का भी आदेश दिया।

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