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जानिए कौन हैं मैरी समरविल जिन्हें गूगल ने समर्पित किया अपना डूडल !

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The Angle

नई दिल्ली।

गूगल समय-समय पर अपना डूडल किसी खास हस्ती या अवसर को समर्पित करते हुए याद करता है। आज गूगल ने अपना डूडल समर्पित किया है मैरी समरविल को। डूडल के जरिए मैरी को दाहिने हाथ से कुछ लिखते हुए दिखाया गया है, जबकि उनका बायां हाथ कुछ किताबों पर रखा हुआ है। तो चलिए आपको बताते हैं कौन हैं ये खास महिला जिन्हें गूगल ने आज का डूडल समर्पित किया है….

 

सबसे पुरानी साइंस पब्लिकेशन में छपा था मैरी का रिसर्च पेपप

स्कॉटलैंड की रहने वाली मैरी समरविल एक प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक और खगोलशास्त्री थीं। 26 दिसंबर 1780 को जेडबर्ग, यूनाइटेड किंगडम में जन्मीं मैरी को आज ही के दिन यानि 2 फरवरी 1826 को भौतिकशास्त्र में किए गए उनके रिसर्च पेपर को यूके की सम्मानित नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस The Royal Society of London ने पढ़ा था। मैरी पहली महिला थीं जिनका रिसर्च पेपर दुनिया के सबसे पुराने साइंस पब्लिकेशन Philosophical Transactions में पब्लिश किया गया। यह पब्लिकेशन आज भी सक्रिय है।

 

सौर मंडल को समझने में महत्वपूर्ण योगदान

मैरी की रिसर्च ने सौर मंडल को समझने में बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने जाने-माने ऐस्ट्रोनॉमर (ज्योतिर्विद्) जॉन काउच ऐडम्स की Neptune यानि वरुण ग्रह को खोजने में मदद की थी। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के राजनैतिक मताधिकारों की भी समर्थक थीं। वे 1868 में जॉन स्टूअर्ट मिल की ओर से महिलाओं को बराबर अधिकार के लिए दायर की गई याचिका पर साइन करने वाली पहली महिला भी थीं।

 

यूरोप की सबसे असाधारण महिला

1834 में आई मैरी की किताब The Connection of the Physical Sciences 19वीं शताब्दी की बेस्ट-सेलिंग किताबों में से एक थी। इस किताब में उन्होंने खगोल विद्या (Astronomy) को बेहतर ढंग से समझाने की कोशिश की थी। 1829 में Kaleidoscope का आविष्कार करने वाले सर डेविड ब्रूस्टर ने मैरी समरविल को यूरोप की सबसे असाधारण महिला बताया था।

 

मैरी समरविल मेडल से वैज्ञानिकों को सम्मान

26 दिसंबर 1780 को जन्मी मैरी के सम्मान में यूके के इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स ने साल 2016 में मैरी समरविल मेडल इंट्रोड्यूस किया। यह सम्मान उन वैज्ञानिकों को दिया जाता है, जो अपने काम से लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाते हैं। इतना ही नहीं, साल 2017 में उनकी तस्वीर रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के पॉलिमर नोट पर भी छपी थी। 1872 में मैरी के निधन के बाद उनके सम्मान में The Morning Post अखबार ने लिखा, ‘हमें 19वीं शताब्दी के विज्ञान के राजा को चुनने में मुश्किल हो सकती है, लेकिन विज्ञान की रानी को चुनने में कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।’

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