Home Religion महादेव की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां !

महादेव की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां !

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द एंगल।

जयपुर।

आज भगवान शिव के प्राकट्य दिवस और उनके शक्ति के मिलन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जा रहा है। आज शाम 5 बजकर 22 मिनट पर महाशिवरात्रि आरंभ होगी जो कि कल 22 फरवरी को शाम 7 बजकर 3 मिनट पर खत्म होगी। इस महाशिवरात्रि पर ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का अनूठा संयोग भी बन रहा है। यह अद्भुत संयोग 117 साल बाद फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बन रहा है। शिवरात्रि पर शिवलिंग पर विशेष रूप से दूग्धाभिषेक की मान्यता है। पूजा में भगवान शंकर को दूध के अलावा भी कई चीजें शिवलिंग पर अर्पित की जाती हैं। लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती, कि शिवलिंग पर कुछ चीजों को चढ़ाया जाना शास्त्रों में वर्जित है।

 

भगवान शंकर को कभी न चढ़ाएं टूटे हुए चावल

भगवान शिव को खंडित चावल नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करने से आपको अपनी पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। आपको साबुत दानों वाले चावल चढ़ाने चाहिए। क्योंकि टूटे हुए चावल के दानों को अपूर्णता का प्रतीक माना गया है।

भोले नाथ को न लगाएं कुमकुम का टीका न लगाएं

यह जानना आपके लिए जरूरी है कि भगवान शिव को कुमकुम का नहीं बल्कि चंदन का टीका लगाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि विषपान करने की वजह से उनका कंठ नीला हो गया था। इसके अलवा महादेव हमेशा अपने गले में ने नागों को धारण किए रहते हैं। इसलिए उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन का टीका लगाया जाता है।

महादेव को न चढ़ाएं ये फूल

भगवान शिव को पूजा में सफेद फूल तो चढ़ाए जाते हैं, लेकिन चंपा और केतकी के फूल चढ़ाया जाना वर्जित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार महादेव ने चंपा और केतकी के फूलों को श्राप दिया था। इस कारण सफेद रंग होने पर भी महादेव को केतकी और चंपा के फूल नहीं चढाए जाते।

तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं

शिव को कभी भी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। तुलसी का विवाह शालिग्राम से हुआ था और शालिग्राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इस कारण तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी का स्थान मिला हुआ है। इसलिए भगवान शिव को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते।

महादेव को न चढ़ाएं उबाला हुआ दूध

भगवान शिव को कच्चा दूध ही चढ़ाना चाहिए। जिस दूध को पकाया या उबाला नहीं गया हो, ऐसा दूध ही भगवान शिव को चढ़ाना चाहिए। कच्चा दूध प्राकृतिक होता है, जबकि उबालने से इसके कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए शिवलिंग पर कच्चा दूध ही चढ़ाएं।

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