16वीं लोकसभा के आखिरी दिन बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने हथियार चुनावी संग्राम के लिए सहेजते दिखा। अहम मौके पर समाजवादी पार्टी (एसपी) सांसद व पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादवका पीएम नरेंद्र मोदी पर ‘मुलायम’ पड़ना एसपी को असहज कर गया।
पहलवानी से नेता बने मुलायम अपने राजनीतिक करियर में भी चरखी दांव (चौंकाने वाला दांव) के लिए जाने जाते हैं। लोकसभा में विदाई भाषण के दौरान भी मुलायम सिंह ने नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने की इच्छा जाहिर की तो सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया। लोकसभा में मुलायम के बगल में बैठी सोनिया गांधी भी मुस्कुराती रह गईं और पीछे मुड़कर अपनी पार्टी के नेताओं से बातें करने लगीं।
बीजेपी के सामने ध्वस्त होगा महागठबंधन!
इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक और लखनऊ के जेएनपीजी कॉलेज के असोसिएट प्रफेसर बृजेश चंद्र मिश्रा ने ‘कहीं न कहीं मुलायम को लगता है कि 2019 चुनाव के लिए विपक्ष की तैयारी उतनी धारदार नहीं है। इसकी भी तमाम वजहें हो सकती हैं, जैसे गठबंधन का कोई नेता न होना और आए दिन अलग-अलग दलों में खींचतान होना। ऐसे में एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता के तौर पर वह मानकर चल रहे हैं कि बीजेपी फिर से सरकार बना सकती है। इसलिए उन्होंने सदन में यह भी कहा कि-हम लोग तो बहुमत से आ नहीं सकते हैं, प्रधानमंत्री जी आप फिर बने प्रधानमंत्री।’
बीजेपी का रुख नरम हो
वोटबैंक को रिझाने की कोशिश
उन्होंने बताया कि मुलायम के भाषण का एक दांव बीजेपी का वोटबैंक रिझाने की कोशिश भी हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि बीजेपी के लोग एसपी से कटुता रखता है। खुद एसपी का यादव वोटबैंक छितर-बितर हो गया है। वहीं दूसरी ओर एसपी का परंपरागत वोटर बीएसपी को वोट नहीं देगा और अगर उसे बीएसपी और बीजेपी में चुनना होगा तो वह बीजेपी को वोट देगा।
मुलायम के करीबी मानते हैं कि वह एसपी-बीएसपी गठबंधन से खुश नहीं हैं। दूसरी ओर, महागठबंधन की कोशिशों में उन्हें जिस तरह किनारे लगाया गया है उससे भी वह आहत हैं। इसलिए भी बुधवार को संसद में दिए गए बयान की एक वजह ये भी बताई जा रही है। इसके अलावा मुलायम के खिलाफ सीबीआई में चल रही आय से अधिक संपत्ति का मामला भी पिछले कई साल से ठंडे बस्ते में हैं। इसके लिए भी वह मोदी सरकार के शुक्रगुजार मालूम हो रहे हैं।
कानाफूसी कभी कुर्सी
मोदी-शाह से मुलायम की ‘केमेस्ट्री’ को लेकर चर्चा पहले भी होती रही है। केंद्र की जब मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में मुलायम सिंह यादव पहले पीछे बैठे हुए थे। अमित शाह ने जब मुलायम को पीछे देखा तो उनका हाथ पकड़कर लाए और आगे की पंक्ति में बिठाया। मुलायम के पोते तेज प्रताप यादव के वैवाहिक कार्यक्रम में भी मोदी आए थे। 19 मार्च 2017 को योगी सरकार के शपथग्रहण के मौके पर मुलायम और मोदी की कानाफूसी की तस्वीर भी वायरल हुई थी।
इस दौरान कयासों का खूब दौर चला था कि आखिरकार मुलायम ने मोदी के कान में कहा क्या? हालांकि, हाल में ही मुलायम शिवपाल के मंच पर एसपी की भी तारीफ करते सुने गए हैं। फिलहाल शिवपाल यादव का कहना है कि नेताजी की बात वही जानें, हमारा स्टैंड साफ है कि बीजेपी का इकबाल खत्म हो चुका है और हम उन्हें हटाने के लिए लड़ रहे हैं।