द एंगल।
नई दिल्ली।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान अपने भड़काऊ भाषणों को लेकर सुर्खियों में आए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता कपिल मिश्रा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह सुरक्षा उनके दिल्ली हिंसा के बाद दिए गए उनके उग्र बयान के बाद बढ़ाई गई है। कपिल मिश्रा को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। इसके तहत कपिल मिश्रा के साथ हमेशा यानि 24 घंटे उनकी सुरक्षा में 6 जवान तैनात रहेंगे। बता दें बीते दिनों ही कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुझे धमकियां मिल रही है।
पहले सुरक्षा लेने से किया था इनकार, अब खुद की मांग
इससे पहले कपिल मिश्रा को 2017 में सुरक्षा दी गई थी, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन के दौरान उन पर हमला हुआ था। उस समय कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक थे। हालांकि उस दौरान उन्होंने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था। लेकिन कुछ दिन पहले ही खुद कपिल मिश्रा ने सुरक्षा की मांग की थी।
धमकी मिलने की शिकायत
पिछले साल बीजेपी में शामिल हुए कपिल मिश्रा ने 1 मार्च को ही ट्वीट करते हुए कहा था कि उन्हें भारत और विदेश से फोन, व्हाट्सएप और ई-मेल पर धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि उन्हें अपने खिलाफ शुरू किए गए नफरत वाले अभियान से डर नहीं लगता।
2 PSO और 4 पुलिसकर्मी करेंगे सुरक्षा
वाई प्ल्स श्रेणी की सुरक्षा के तहत कपिल मिश्रा के साथ 2 निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) दिए गए हैं। ये सुरक्षा अधिकारी चौबीसों घंटे उन्हीं के साथ तैनात रहेंगे। इसके अलावा 4 और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार दो पीएसओ में से एक स्वचालित राइफल से लैस होगा, जबकि दूसरे के पास पिस्टल होगा। बाकि चारों पुलिसकर्मी हथियारों से लैस रहेंगे।
भड़काऊ भाषण देने का आरोप
गौरतलब है कि दिल्ली हिंसा से एक दिन पहले यानि 23 फरवरी को कपिल मिश्रा ने जाफराबाद क्षेत्र के मौजपुर चौक पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में एक सभा को संबोधित किया था। इसके बाद सीएए के समर्थक और विरोधी पक्ष आमने-सामने आ गए और हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा की चपेट में आने से अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कपिल मिश्रा के खिलाफ याचिकाएं दायर
कपिल मिश्रा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं और उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कल बुधवार को सुनवाई करेगी, जबकि हाई कोर्ट 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी।