द एंगल।
भोपाल।
लगभग एक महीने तक चली सियासी उठापटक के बाद आखिरकार फिर से मध्यप्रदेश की सत्ता की कमान एकबार फिर भाजपा नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों में आ गई है। शिवराज सिंह चौहान ने कल चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ लेने के साथ ही शिवराज एक्शन में आ गए। उन्होंने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए अपने चौथे कार्यकाल का पहला बड़ा फैसला लिया। चौहान ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और जबलपुर में मंगलवार से कर्फ्यू लागू कर दिया है। चौहान ने कहा, ”देर रात बल्लभ भवन में बैठा हुआ हूं जनता से सहयोग मांग रहा हूं कि आप लोग कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासन के साथ आएं और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें.” उन्होंने कहा, ”इसके साथ ही भोपाल और जबलपुर दोनों जिलों में जो लॉक डाउन किया गया है, इसमें कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी, इसे सख्ती से लागू किया जाए।”
शिवराज सिंह चौहान को राज्यपाल लालजी टंडन ने दिलाई शपथ
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि जरूरतमंदों को जो भी आवश्यक सामग्री है, प्रशासन उसे पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार की रात को आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। राजभवन में सीमित संख्या में मौजूद लोगों की मौजूदगी में आयोजित समारोह में राज्यपाल लालजी टंडन ने चौहान को शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में कमलनाथ भी रहे मौजूद
शपथ ग्रहण करने के बाद चौहान ने जनता कर्फ्यू की सफलता का जिक्र करते हुए लोगों से आह्वान किया कि वे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आगे आएं। शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मौजूद रहे। भाजपा विधायक चौहान को अपना नेता चुने जाने के बाद बस में सवार होकर राजभवन पहुंचे थे। भाजपा ने कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए भाजपा की बैठक में विधायकों को एक दूसरे से एक मीटर से ज्यादा की दूरी पर बैठाया था।