द एंगल।
जयपुर।
आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। आज से अगले 9 दिनों तक भक्त मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न कर मनवांछित फल की कामना करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं इन नौ दिनों में देवी को प्रसन्न करने के लिए हर दिन अलग-अलग चीजों का भोग लगाने का विधान बताया गया है। नवरात्र के दौरान पूची जाने वाली ये 9 देवियां 9 अलग-अलग शक्तियों का प्रतीक मानी जाती हैं। इसलिए अगर आप भी चाहते हैं कि मां दुर्गा की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे, तो नवरात्रि में हर दिन के हिसाब से माता उनकी पसंद के भोजन का भोग लगाएं।
मां शैलपुत्री
नवरात्र के पहले दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होती है। इन्हें आरोग्य की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि नवरात्रि के पहले दिन माता को गाय के शुद्ध देसी घी का भोग लगाया जाता है, तो निरोगी और खुश रहने का वरदान मिलता है।
माता ब्रह्मचारिणी
जो लोग मां ब्रह्मचारिणी से अपने लिए दीर्घायु का वरदान चाहते हैं, उन्हें नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर शक्कर का भोग लगाना चाहिए। माता को शक्कर का भोग लगाने से माना जाता है कि व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
मां चंद्रघंटा
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इन्हें दूध या दूध से बनी चीज़ों का भोग लगाए जाने का प्रावधान है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुःख समाप्त जाते हैं।
मां कूष्मांडा
चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों को मालपुए खिलाने चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
मां स्कंदमाता
स्कंदमाता की पूजा नवरात्र के पांचवें दिन की जाती है। मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है। स्कंदमाता की पूजा करने से आजीवन आरोग्य रहने का वरदान मिलता है।
मां कात्यायनी
नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से आकर्षण का आशीर्वाद मिलता है।
मां कालरात्रि
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजी की जाती है। इस दिन माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि गुड़ का भोग लगाने से आकस्मिक संकट से मां रक्षा करती हैं।
मां महागौरी
आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग कन्या पूजन भी करते हैं। इस दिन महागौरी की पूजा करते समय माता को नारियल का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
मां सिद्धिदात्री
नवरात्र के नौवें और अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। इस दिन माता को तिल का भोग लगाते हैं। जिन लोगों को आकस्मिक मृत्यु का भय होता है वो मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं।