दा एंगल।
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन में लाॅकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की। मोदी के लाॅकडाउन पर दिए संबोधन पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को हवाई खोखला था। कांग्रेस का कहना था कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह नहीं बताया कि आगे क्या किया जाएगा और ना ही अपने संबोधन में उन्होंने किसी वित्तीय पैकेज की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने इकोनाॅमी के ग्रोथ के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे यह भी नहीं बताया।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री के संबोधन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम ने गरीब आदमी को 40 दिनों के अपना इंतजाम खुद करने पर छोड़ दिया है। चिदंबरम ने कहा कि देश में अन्न और धन दोनों है लेकिन सरकार नहीं देगी। इसी तरह मनीष तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी ने लोगों को यह तो बताया कि उनकी उनसे क्या उम्मीदें हैं लेकिन यह नहीं बताया कि लोगों के लिए उनकी सरकार क्या कर रही है।
कोरोना से लड़ने के लिए रोडमैप नहीं
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाल ने भी प्रधानमंत्री से पूछा कि सरकार का कोरोना वायरस से लड़ने के लिए क्या रोडमैप है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व का मतब यह नहीं है कि लोगों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराया जाए बल्कि उसका मतलब यह है कि देश के लोगों के प्रति सरकार अपनी जवाबदेही के कर्तव्य को निभाए। उन्होंने कहा कि बहुत सारी बातें कही गईं। लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए रोडमैप कहा है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण में मुख्य बातें तो नदारद रही। प्रधानमंत्री ने संबोधन तो शानदार दिया। उपदेश, बड़ी-बड़ी बातें, प्रेरणा लेकिन सब कुछ खोखला। पीएम ने अपने संबोधन में वित्तीय पैकेज के बारे में नहीं बताया, नहीं कोई विवरण, कुछ ठोस नहीं। मोदी के संबोधन में ना तो गरीबों के लिए, ना मिडिल परिवारों के लिए और ना ही इंडस्ट्री और कोरोबारी के लिए कुछ है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन तो सही है, लेकिन अपने आप में काफी नहीं है।