दा एंगल।
नई दिल्ली।
रेलवे ने मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेने चलाई है। कोरोना वायरस की वजह से भारत सहित दुनियाभर में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना के कारण देशभर में लाॅकडाउन लागू कर दिया गया था। लाॅकडाउन में जो जहां था वहीं रह गया। सभी राज्य सरकारों ने प्रवासी मजदूरों को वापस बुलाने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था। इसके बाद केन्द्र सरकार ने मजदूरों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेने चलाई। इस ट्रेन से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर जा रहे है।
रेलवे ने जताई आशंका
रेलवे ने आशंका जताई है कि प्रवासी मजदूरों व कामगारों को उनके मूल राज्य तक पहुंचाने के लिए चलाई जा रहीं श्रमिक ट्रेनें सांप्रदायिक उपद्रवों का केंद्र बन सकती हैं। इसके रेलवे ने अपने सभी जोन को भी सतर्क किया है। रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए सभी जोन को जारी गाइडलाइंस में ट्रेन के अंदर भी यात्रियों के व्यवहार पर नजर रखने का निर्देश दिया है।
चल रही 60 श्रमिक स्पेशल ट्रेन
रेलवे ने करीब 60 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के बाद अब सुरक्षा और सेनिटाइजेशन से जुड़े प्रोटोकॉल को लेकर विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है। रेलवे की ओर से जारी गाइडलाइंस में प्रोटोकॉल को प्रारंभिक स्टेशन, गंतव्य स्टेशन और ट्रेन यात्रा के तीन हिस्सों में बांटा है। इसमें कहा गया है कि ट्रेन के साथ ही स्टेशनों के प्रवेश और बाहर निकलने के रास्तों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाए। गाइडलाइंस में कहा गया है कि सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने के लिए पूर्व सैनिकों, होमगार्डों और यहां तक कि निजी सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था कर ली जाए। यात्रियों के बीच किसी तरह की सांप्रदायिक या सामूहिक उपद्रव की संभावनाओं पर नजर रखने के लिए खुफिया एजेंसियों के साथ नजदीकी तालमेल बनाया जाएगा।
ऐसी किसी भी संभावना की जानकारी मिलने पर तत्काल सुरक्षा बढ़ाने जैसे आवश्यक उपाय कर लिए जाएं। किसी भी घटना की स्थिति में तत्काल राज्य पुलिस को जानकारी देकर जल्द से जल्द मदद ली जाए। रेलवे ने गाइडलाइंस में यह भी कहा है कि प्रारंभिक और गंतव्य स्टेशनों पर ट्रेन की हर हाल में अच्छी तरह सफाई कराकर उसे संक्रमणरहित भी किया जाए। चलती ट्रेन में मौजूद यात्रियों के लिए तरल साबुन और टॉयलेट की सफाई के लिए न्यूनतम संख्या में सफाई कर्मचारियों की भी व्यवस्था की जाए।