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अब लोन लेना हुआ सस्ता, ब्याज दरों में आई इतनी कमी

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द एंगल।

बिजनेस डेस्क।

लोन लेने की सोच रहे हैं तो इस लॉकडाउन के बीच आपके लिए एक राहत वाली खबर है। ग्राहकों के लिए लोन लेना अब सस्ता हो गया है। देश के अधिकतर निजी और सरकारी बैंक लगातार लोन पर ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। इसी के तहत दो सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को राहत दी है। आइए जानते हैं​कि आखिर कौन से हैं ये बैंक….

लोन की ब्याज दरों में इन बैंकों ने की कटौती

इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) ने अपनी लोन की ब्याज दरों में कटौती की है। इन दोनों बैंकों ने अपने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) में कटौती की घोषणा की है। आईओबी ने एक साल की अवधि के लोन की ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती करते हुए 8.15 प्रतिशत कर दिया है। एक साल की अवधि की एमसीएलआर दर ही व्यक्तिगत, कार और होम लोन जैसे कर्ज के लिए प्रमुख आधार होती हैं।

10 मई से लागू होंगी आईओबी की घटी हुई दरें

इसके साथ ही बैंक ने कहा है कि तीन माह की अवधि के लिए ब्याज दर को मौजूदा 8.10 प्रतिशत से घटाकर 8.05 प्रतिशत और छह माह की अवधि पर ब्याज दर को मौजूदा 8.15 से घटाकर 8.10 प्रतिशत कर दिया जाएगा। वहीं दो साल की अवधि के लिए इसे 8.30 प्रतिशत से घटाकर 8.20 प्रतिशत किया जाएगा। बता दें बैंक की घटी हुई दरें 10 मई से लागू होंगी।

बीओएम ने दरों में की 0.10 प्रतिशत की कटौती

इसी तरह पुणे स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक साल की अवधि की एमसीएलआर आधारित ब्याज दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 7.90 प्रतिशत कर दिया है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मुताबिक एक दिन से लेकर छह माह की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर दर अब 7.40 से लेकर 7.70 प्रतिशत तक होगी। इस बीच सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य बैंक कैनरा बैंक ने अपनी एमसीएलआर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। बता दें वर्तमान में बैंक की एक साल की एमसीएलआर दर 7.85 प्रतिशत पर है।

एमसीएलआर क्या होता है ?

एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से तय की गई एक पद्धति है। इसके तहत कॉमर्शियल बैंक लोन की ब्याज दर तय करते हैं। ये दर आरबीआई के रेपो रेट से प्रभावित होती है। इसलिए अगर आरबीआई रेपो रेट कम करता है, तो बैंकों पर एमसीएलआर कम करने का दबाव बढ़ता है। दरअसल रेपो रेट के आधार पर आरबीआई बैंकों को फंड देता है। इसका मकसद बाजार में नकदी के प्रवाह को बढ़ाना होता है। बीते दिनों आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की थी। ये कटौती लॉकडाउन को ध्यान में रखकर की गई है।

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