दा एंगल।
पटना।
बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा ने भी बिहार में अपना चुनावी बिगुल फूंक दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार में चुनावी बिगुल फूंक दिया है। बिहार जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्चुअल रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों आप सभी का मैं भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं।
अमित शाह ने नीतीश कुमार की बड़ाई
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं उन करोड़ों कोरोना वॉरियर्स को सलाम करना चाहता हूं जो अपनी जान जोखिम में डालकर वायरस से लड़ रहे हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस कर्मी और अन्य, मैं उनके योगदान को स्वीकार करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को धन्यवाद देता हूं। बिहार सरकार ने 8,530 करोड़ रुपया कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया। नीतीश कुमार और सुशील मोदी विपक्ष की तरह ढिंढोरा नहीं पीटते बल्कि काम करते हैं।
वर्चुअल रैली में अमित शाह ने राजद नेता तेजस्वी यादव हमने प्रवासी मजदूरों के लिए सबकुछ किया। आपने दिल्ली में बैठ कर बोलते रहने के अलावा और क्या किया। रैली में अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए जा रहे कामों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है, जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है। शाह ने कहा कि आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदी जी ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरु की।
सरकार के कामों का किया बखान
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार ने 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना भारत के तहत मुफ्त बीमा दिया। एक करोड़ लोग मुफ्त में अपना इलाज करा चुके हैं। उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर मिला। 2.5 करोड़ लोगों को सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचाया गया। आजादी के 70 साल बाद भी 20 हजार लोगों के घर में अंधेरा था। लालटेन जलानी पड़ती थी। लालटेन का जमाना चला गया यह एलईडी का जमाना है।