पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही देश में पाकिस्तान के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग उठ रही थी। हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा पार करके आतंकी ठिकानों पर भारी बमबारी की। जिसमें आतंकी कैंप बर्बाद हो गया। इस मसले पर विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस में गोखले ने बहुत ही राजनयिक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने बालाकोट पर असैन्य कार्रवाई की।
गोखले ने कहा, पाकिस्तान हमेशा से कहता रहा है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देता है लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा था। इसलिए हमने उन आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस अभियान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकियों, ट्रेनरों और फिदायीन हमलावरों को मार गिराया गया है। बालाकोट कैंप जैश का कमांडर मौलाना युसूफ अजहर चला रहा था। पुलवामा हमले को इसी आतंकी संगठन ने करवाया था।
विदेश सचिव ने कहा, ‘विश्वस्त खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) देश के कई हिस्सों में कई और आत्मघाती हमले करने की फिराक में हैं। इसके लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में भारत की ओर से दुश्मनों को थामने के लिए इस तरह का हमला करना बेहद आवश्यक हो गया था। भारत ने जेईएम के सबसे बड़े कैंप पर निशाना साधा है।’
गोखले ने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान से लगातार यह मांग करता रहा है कि वह पीओके में चलने वाले आतंकी ठिकानों को नष्ट करे। लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा आतंकी ठिकाने होने की बात से इनकार किया है। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र के मंच से भी पाकिस्तान को आतंकवाद पर कई बार लताड़ा जा चुका है लेकिन पाक फौज आतंकियों से अपनी सरपरस्ती खत्म नहीं कर रही है। यही वजह है कि भारत को कड़ा कदम उठाते हुए असैन्य कार्रवाई के जरिए आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करना पड़ा।