दा एंगल।
जयपुर।
जादूगर की जादूगरी चली और सचिन पायलट गुट को मुंह की खानी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने राजनीति अनुभव का पूरा लाभ उठाते हुए पायलट गुट को पटखनी दे दी। इतने दिनों से चला आ रहा यह सियासी संकट गहलोत ने अपने राजनीतिक रणनीति और अपने अनुभवी सिपहसलारों की मदद से हल कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम किरदार का योगदान रहा वह थीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा। प्रियंका ने न केवल राजस्थान में कांग्रेस को टूटने दिया बल्कि सारे घटनाक्रम का बेखूबी से पटाक्षेप कर दिया।
आलाकमान ने सचिन पायलट की मांगों को सुना
सचिन पायलट की मांगों पर आलाकमान ने गंभीरता से सुना और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बदलने वाले मांग को खारिज कर दिया। इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान कांग्रेस में गहलोत के समान कोई दूसरा नेता नहीं है। इस पूरे मामले से जहां राजस्थान में भाजपा का आपरेशन लोटस फेल हुआ बल्कि उनके सभी मंसूबों पर पानी भी फिर गया।
तीन महीने चले संघर्ष सियासी संग्राम का हुआ पटाक्षेप
राज्यसभा चुनाव के समय से ही शुरू हो गई खींचतान की शुरुआत
राजस्थान की राजनीति घूमी जयपुर ,जैसलमेर ,हरियाणा होकर पहुंची दिल्ली
9 जून से 10 अगस्त तक कांग्रेस सरकार में चली खींचतान
सचिन पायलट ने मांगा राहुल गांधी से मिलने का समय
सचिन पायलट की राहुल गांधी से प्रियंका गांधी ने कराई मुलाकात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चक्रव्यूह में फंसे पायलट
पायलट गुट की मुख्यमंत्री बदलने की मांग की खारिज
आलाकमान ने पूरे मामले के लिए बनाई तीन सदस्यीय कमेटी
एक महीने के बाद मीडिया से रूबरू हुए सचिन पायलट
कहा-हम कब कांग्रेस छोड़कर गए थे
सचिन पायलट ने कहा -उन्हें कोई पद की लालसा नहीं
पायलट गुट की मांग पर आलाकमान बनाएगा सरकार और संगठन का ब्लूप्रिंट
सरकार में 2 गुट, 3 माह में तीन बार बाड़ा बंदी
पायलट राजस्थान के संगठन में चाहते हैं भागीदारी
दूसरी ओर सियासी संकट खत्म होते ही विधायकों को मिली आजादी
स्वाधीनता दिवस से 4 दिन पहले विधायकों को बाड़े बंदी से आजादी
हालांकि भविष्य के गर्भ में छिपे हुए हैं कई सवाल
प्रियंका गांधी का रहा अहम किरदार
राजस्थान के सियासी घटनाक्रम का पटाक्षेप हो चुका है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पहले भी काॅन्फिेंड थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में अदावत तो चलती ही है। इस पूरे घटनाक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के ससुर फारुख अब्दुल्ला ने अहम किरदार निभाया। फारुख अब्दुल्ला ने अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद बातचीत की। इन लोगाें ने सचिन पायलट और राहुल गांधी के बीच बातचीत का सेतु तैयार किया। सचिन पायलट और राहुल गांधी के साथ वार्ता में केसी वेणुगोपाल राव और प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद रही। बातचीत के बाद पूरे घटना की जानकारी सोनिया गांधी को दी गई।
सोनिया गांधी ने सचिन पायलट की राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की मांग को खारिज कर दिया। सोनिया गांधी ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरे पांच साल तक रहेंगे। इसके अलावा उनकी और मांगों को लेकर एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कुल मिलाकर इस पूरे मामले में सचिन पायलट के हाथ खाली रहे और उनको कुछ भी नहीं मिला है। पूरे घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर में विधायकों से बातचीत की और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने विधायकों से अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया।