दा एंगल।
नई दिल्ली
स्वतंत्रता दिवस पर अमेरिका में सक्रिय खालिस्तान संगठन सिख फाॅर जस्टिस ने बड़ी साजिश रचने की नापाक कोशिश कर रहा है। खालिस्तान फिर से भारत में अपनी जड़े जमाना चाहता है। संगठन ने लोगों ने कहा है कि अगर कोई 15 अगस्त को लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराता है तो उसे 125,000 डाॅलर का इनाम दिया जाएगा।
खालिस्तान की नापाक हरकत
खालिस्तान संगठन के इस ऐलान के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली में अलर्ट जारी कर दिया है। लाल किले और उसके आसपास के इलाकों में जबरदस्त पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। लाल किले के आसपास सुरक्षा बलाें की अतिरिक्त टुकड़ी को तैनात किया गया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 45,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी पहरा देंगे। इसके अलावा लाल किले के चारो ओर पांच किलोमीटर की परिधि में ऊंची इमारतों पर 2,000 से अधिक स्नाइपर्स की तैनाती की जाएगी।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये आतंक पैदा करने के लिए एसएफजे द्वारा किया गया एक प्रयास है। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा है कि संदिग्धों पर पैनी नजर रखी जा रही है। सिख फॉर जस्टिस के सुप्रीमो गुरपतवंत सिंह पन्नून ने एक बयान जारी करके दावा किया कि 15 अगस्त सिखों के लिए स्वतंत्रता दिवस नहीं है। उसने कहा कि यह उन्हें 1947 में बंटवारे के समय हुई त्रासदी की याद दिलाता है। उसने कहा कि हमारे लिए कुछ भी नहीं बदला है। बदले हैं तो केवल शासक। हम अभी भी भारतीय संविधान में हिंदू के रूप में दर्ज हैं और पंजाब के संसाधनों का इस्तेमाल अन्यायपूर्ण तरीके से अन्य राज्यों के लिए किया जा रहा है। हमें वास्तविक स्वतंत्रता की जरूरत है।
एसएफजे के सुप्रीमो पर कानूनी शिकंजा कसा
गौरतलब है कि एसएफजे के सुप्रीमो गुरपतवंत सिंह पर पिछले दो महीने से कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है। यूएस में रहने वाला पन्नुन ‘रेफरेंडम 2020’ अभियान में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है. उसके अमेरिका स्थित कट्टरपंथी खालिस्तान संगठन ने ‘रेफरेंडम 2020’ के अपने एजेंडे का समर्थन करने के लिए भारत और विदेश में रहने वाले सिखों से आग्रह किया है.