दा एंगल।
अंबाला।
भारतीय वायुसेना की ताकत आज दुगनी हो गई। जब आज पांच राफेल भारतीय वायुसेना में शामिल हो गए। अंबाला एयरबेस पर आज पांच राफेल विमानों को विधिवत रूप से शामिल कर लिया गया है। इससे पहले एयरबेस में शामिल होने से पहले सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया है। पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को फ्रांस से अंबाला के वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचा था।
दुश्मनों के लिए काल राफेल
राफेल अंबाला एयरबेस पर 17 स्कवॉड्रन गोल्डन ऐरोज में शामिल किया गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोंरेस पार्ले की मौजूदगी में राफेल वायुसेना में शामिल हुआ। भारत-चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत के लिए इस उपलब्धि को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद दुश्मनों के खिलाफ बड़ी बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है।
अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान को वाटर कैनन से सलामी दी गई। सभी 5 राफेल विमान को दी गई सलामी। फ्लाईपास्ट के शुरू होने के साथ ही 4-5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान राफेल आसमान में करतब भी दिखाया। भारतीय वायुसेना के लिए आज का दिन बड़ा ऐतिहासिक रहा जब एयरफोर्स में आज पांच लड़ाकू राफेल को शामिल कर लिया गया है।
भारतीय वायुसेना की ताकत हुई दुगुनी
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ली सहित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायुसेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया सहित अन्य लोगों ने हिस्सा ले रहे हैं। रक्षा मंत्री राजना सिंह राफेल इंडक्शन सेरेमनी को संबोधित कर कहा कि वायुसेना में राफेल का शामिल होना एक ऐतिहासिक क्षण है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं अपनी आर्म्स फोर्सिज सहित सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। हम दोनों ने एक दूसरे को समझा है। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी है जो समय के साथ मजबूत हो रही है। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और सम्पूर्ण विश्व में शांति की कामना, हमारे आपसी संबंधो के आधार हैं। राफेल इंडक्शन पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है, खासकर हमारी संप्रभुता पर नजर रखने वालों के लिए। हमारी सीमाओं पर हाल के दिनों में जो तनाव का माहौल बना है, ऐसे समय पर ये इंडक्शन अहम है।
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये की लागत से हुए समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंचा था। सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। राफेल विमान अत्याधुनिक हथियारों और उन्नत प्रणाली से लैस हैं।