द एंगल
नई दिल्ली।
मोदी कैबिनेट की बैठक के बाद आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडकेर और धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस वार्ता की। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया की आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
प्रकाश जावडेकर ने कहा की पराग्वे, डोमिनिक रिपब्लिक और एस्टोनिया में नई एम्बेसी तैयार करने का निर्णय लिया है। उन्होने कहा की दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जहां भारत ना पहुंचा हो। वहीं इथेनाॅन को लेकर भी फैसला लिया गया। इसमें ये फैसला लिया गया की इथेनाॅल का उत्पादन बढे और ज्यादा चीनी उत्पादन की समस्या का हल निकलें।
इथेनाॅल के उत्पादन को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा की ईबीपी कार्यक्रम अटल जी ने शुरू किया था। वहीं किसानों की आमदनी दोगुनी हो इसमें इथेनाॅल की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमें एक हजार करोड लीटर इथेनाॅल की जरूरत होगी। हमारा 1750 करोड लीटर का लक्ष्य है जिसे हम हासिल कर सकते है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में पहली पीढ़ी इथेनॉल के उत्पादन के लिए संशोधित योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अनाज (चावल, गेहूं, जौ, मक्का और शर्बत), गन्ना, चीनी पत्ता आदि से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा।
किसान हित के लिये अपनी प्रतिबद्धता निभाते हुए सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिये डिस्टिलेशन क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया। इससे किसानों को लाभ के साथ ही युवाओं को मिलेगा रोजगार, व प्रदूषण कम होगा। सरकार पांच वर्षों तक परियोजना के प्रस्तावकों द्वारा लिए गए ऋण के ब्याज का खर्चा उठाएगी ।
औद्योगिक क्षेत्रों का होगा विकास
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया की 7,725 करोड़ रुपए की लागत से लगभग तीन लाख रोजगार पैदा करने के लिए योजना को मंजूरी मिली है। कृष्णपट्टनम बंदरगाह में 2,139 करोड़ रुपए की लागत से औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
जावड़ेकर ने बताया कि दो ट्रेड कॉरिडोर बन रहे हैं जिससे माल ढुलाई अच्छे से होगी। जहां माल ढुलाई होगी उस कॉरिडोर के साथ जहां एक्सप्रेस-वे हैं, बंदरगाह हैं, रेलवे की सुविधा है और एयरपोर्ट भी हैं। ऐसी जगह औद्योगिक शहरों का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एस्टोनिया, पैराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में भारतीय मिशनों को खोलने की मंजूरी भी दी है।