द एंगल
नई दिल्ली।
देशभर में एक ओर तो कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाए है। मनीष तिवारी ने कहा की जब वैक्सीन सुरक्षित और विष्वसनीय है तो एक भी मंत्री ने टीकाकरण क्यों नहीं करवाया। विदेशों में भी सबसे पहले वहां के प्रमुखों ने कोरोना का टीका लगवाया है। उन्होने कहा की सरकार के मंत्रियों को खुद टीकाकरण के लिए आगे आना चाहिए था।
वैक्सीन इस्तेमाल की मंजूरी प्रक्रिया पर खडे़ किए सवाल
इसी के साथ तिवारी ने कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े करते हुए कहा, कई वरिष्ठ डॉक्टर्स ने सरकार के साथ को वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा के संबंध में यह कहते हुए सवाल उठाया है कि लोग यह नहीं चुन पाएंगे कि वे किस वैक्सीन को लेना चाहते हैं। यह सूचित सहमति के पूरे सिद्धांत के खिलाफ जाता है।
मनीष तिवारी ने दावा किया कि टीकों के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, टीकाकरण आरंभ हो गया है और यह अजीबो-गरीब है कि भारत के पास आपात उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई।
भारतीय नहीं है गिनी पिग- तिवारी
इससे पहले अपने बयान में तिवारी ने कहा कि कोवैक्सीन को सरकार की ओर से इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए लाइसेंस दिया गया था। अब सरकार कह रही है कि सरकार ने वैक्सीन के चुनाव को लेकर किसी भी तरह की स्वतंत्रता नहीं दी है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय गिनी पिग नहीं हैं।