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20 जिलों के 90 निकायों के लिए मतदान खत्म, लेकिन अभी भी बीजेपी को सता रहा है इस बात का डर

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द एंगल।

जयपुर।

प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकायों में मतदान (Voting) आज खत्म हो गई। लेकिन बीजेपी की चिंता अभी भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल बीजेपी को अब मतगणना से पहले विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है। इसलिए बीजेपी (BJP) अपने प्रत्याशियों की प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ेबंदी करने जा रही है। बीजेपी में प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी की जिम्मेदारी पार्टी ने निकाय चुनाव प्रभारी और जिला अध्यक्ष को दी है। इन प्रत्याशियों को प्रशिक्षण के नाम पर तब तक रिसॉर्ट और होटल्स में रखा जाएगा, जब तक कि चुनाव परिणाम घोषित नहीं कर दिए जाते। बीजेपी में ये चुनाव प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) की परीक्षा और प्रदेश की 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे हैं।

निकाय चुनाव के परिणाम सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में आते हैं- सतीश पूनिया

मौजूदा समय में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और बीजेपी विपक्ष में है। लेकिन पिछले चुनाव की बात की जाए तो बीजेपी के पास इन 90 निकायों में से 60 पर उसका कब्जा था। वहीं कांग्रेस के पास 25 निकाय थे और 5 पर निर्दलीय प्रत्याशियों का कब्जा था। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने माना कि पंचायत राज और निकायों के चुनाव का अब तक का इतिहास रहा है कि उसके परिणाम सत्ता के पक्ष में आते हैं। यही वजह है कि पिछले समय बीजेपी की सरकार थी तो उसके बोर्ड भी ज्यादा बने थे।

कैंपों में नए आए लोगों को बताया जाता है पार्टी की रीति-नीति के बारे में- पूनिया

सतीश पूनिया ने कहा कि बाड़ेबंदी जैसे शब्द कांग्रेस पर ज्यादा सटीक बैठते हैं, बीजेपी पर नहीं। आजादी के बाद से लगातार चुनाव के बाद इस तरह के शिविर पार्टियां आयोजित करती रही हैं। पूनिया ने माना कि यह छोटे चुनाव हैं और इनका मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव रहता है। इसलिए प्रत्याशियों को सुरक्षित जगह भी ले जाना पड़ता है। इन चुनावों में ज्यादातर नए लोग आते हैं। इसलिए इन कैंपों में उन्हें पार्टी की रीति-नीति के बारे में भी बताया जाता है।

सतीश पूनिया ने जताई निकाय चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की जीत की उम्मीद

वहीं पिछले निकाय चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। लिहाज़ा बीजेपी हर कदम फूंक-फूंककर रख रही है। इन चुनाव को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए अग्निपरीक्षा भी बताया जा रहा है। वहीं पूनिया का कहना है कि यह राजनीति की सामान्य परिपाटी है। बकौल पूनिया मेरा काम प्रयास करने का और बेहतरीन परिणाम देने का है। चुनाव परिणाम क्या होगा यह भविष्य के गर्भ में है। लेकिन पिछले पंचायती चुनाव में पार्टी को मिली जीत और पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम को आधार बनाते हुए पूनिया ने उम्मीद जताई कि पार्टी इन निकाय चुनावों में भी अच्छी जीत हासिल करेगी।

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