द एंगल।
जयपुर।
प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकायों के लिए चुनाव की मतगणना जारी है। आज 9 हजार 930 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होने वाला है। सुबह 9 बजे से ही सभी जिला मुख्यालयों पर मतगणना शुरू हो गई है। 1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका में सदस्य पदों के लिए 28 जनवरी को एक चरण में मतदान हुआ था। इसमें 76.52 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था। मतदान के लिए 5 हजार 253 मतदान केन्द्र बनाए गए थे।
50 वार्डों में निर्विरोध जीत चुके प्रत्याशी
हालांकि कुछ सीटों पर चुनाव के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, लेकिन असल तस्वीर तो आज शाम तक ही स्पष्ट हो पाएगी। पूरे चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि प्रदेश की गहलोत सरकार के कार्यकाल को जनता ने स्वीकार किया है या नहीं। बता दें 3 हजार 35 वार्डों में से 50 में निर्विरोध सदस्य चुने जा चुके हैं। बाकी 2 हजार 985 वार्डों में 9 हजार 930 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज होना है। खास बात ये है कि इस चुनाव में प्रदेश के कई मंत्रियों और विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
इन जिलों के चुनाव परिणाम आएंगे
प्रदेश के 20 जिलों अजमेर, बांसवाड़ा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर के 90 निकायों के लिए चुनाव परिणाम आज घोषित होगा।
प्रत्याशियों की जोड़-तोड़ के डर से भाजपा-कांग्रेस ने की बाड़ेबंदी
वहीं चुनाव परिणाम सामने आने के साथ ही दोनों ही पार्टियों को अपने प्रत्याशियों के टूटने की आशंका है। इसके चलते दोनों ही पार्टियों ने मतगणना खत्म होने के साथ ही प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी थी। परिणाम जारी होने के बाद इन पार्षदों को अलग-अलग रखा जाएगा। वहीं परिणाम घोषित होने के बाद सोमवार को अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए लोकसूचना जारी होगी। सोमवार से ही उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर सकेंगे। इसके बाद मंगलवार शाम तीन बजे तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। इसके बाद 7 फरवरी को अध्यक्ष और 8 फरवरी को उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा।
300 सीटों पर निर्दलीयों के हाथ में होगी बोर्ड की चाबी
पिछले चुनावों की बात करें तो पिछली बार इन 90 निकायों में भाजपा का पलड़ा भारी रहा था। भाजपा ने जहां 60 बोर्ड पर कब्ज़ा जमाया था, तो वहीं कांग्रेस 25 जगह बोर्ड बनाने में कामयाब रही थी। जबकि 5 बोर्ड निर्दलीय प्रत्याशियों के कब्जे में रहे थे। माना जा रहा है कि इस बार भी कई जगह निर्दलीय ही तय करेंगे कि बोर्ड किस पार्टी का बनता है। क्योंकि करीब 300 से जगहों पर दोनों ही पार्टियों ने सिंबल जारी नहीं किए हैं। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी इन 300 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ मिलकर बोर्ड बनाने की जुगत में लग गई हैं।