द एंगल
बिहार।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने राज्य की कानून व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए एक फरमान जारी किया है। जिससे बिहार की जनता खासकर युवाओं को भारी नुकसान उठाना पड सकता है। नीतिश कुमार ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा की यदि बिहार में कोई भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, हिंसा करते हुए या राज्य की कानून व्यवस्था भंग करने में शामिल हुआ तो प्रदर्शनकारी को ना तो सरकारी नौकरी मिलेगी और ना ही कोई ठेका।
बिहार में हिंसक प्रदर्शन में शामिल युवाओं को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
नीतिश कुमार ने कहा की ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज होती है और किसी व्यक्ति के लिए खिलाफ आरोप-पत्र समर्पित हुआ तो उनके पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख होगा। राज्य सरकार से जुड़े ठेके में चरित्र प्रमाण पत्र अनिवार्य किए जाने के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन (पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट) के संबंध में एक विस्तृत आदेश जारी किया है।
इसकी जरूरत कई कार्यों के लिए होती है। वहीं चरित्र प्रमाण पत्र भी इसी रिपोर्ट के आधार पर जारी होता है। पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के दौरान किन बातों का ख्याल रखना है और किन बिंदुओं पर जांच करनी है, इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया है।
तेजस्वी यादव ने जताया विरोध
मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के इस फैसले का विपक्ष ने कडा विरोध जताया है। तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट कर अपना विरोध जताया है। उन्होने कहा की 40 सीट के मुख्यमंत्री डरे हुए है।
मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतिश कुमार कते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरूद्ध धरना प्रदर्षन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। इसके आगे तेजस्वी ने कहा की मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी जाहिर नहीं करने देंगे।