The Angle
जयपुर।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध और दिल्ली में 2 महीने से भी ज्यादा लंबे समय से आन्दोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आज दौसा में किसान महापंचायत को संबोधित किया। यहां पायलट ने देश के अन्नदाता को बर्बाद करने के लिए मोदी सरकार की प्लानिंग से पर्दा उठाया।
कृषि कानून बनाने से पहले किसी राज्य सरकार या किसान संगठन से बात नहीं की गई
Sachin Pilot ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की बारीकियों को समझना बहुत जरूरी है। काले कानूनों का विरोध करना एक बात है, लेकिन इन कानूनों के आने से जो दूरगामी नुकसान हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों को होने वाला है उसके बारे में मैं आपको दो शब्द कहना चाहता हूं। केंद्र सरकार ने आज से कुछ महीने पहले कृषि कानून बनाए, इन कानूनों को बनाने में किसी भी राज्य सरकार से बात नहीं की गई, किसी भी किसान संगठन से बात नहीं की गई और जबरदस्ती से और जल्दबाज़ी से ये तीनों कानून सदन में पारित करके इस देश पर थोपे गए।
MSP को केंद्र सरकार के कृषि कानूनों में नहीं डाला गया- पायलट
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि ये किसानों के हित में हैं, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये ऐसे कानून बना दिए गए हैं जिसका विरोध पूरे देश में हो रहा है। इस देश के 86 प्रतिशत किसान छोटे किसान हैं, उस किसान को पाबंद कर देना, उस किसान के भविष्य को नष्ट कर देना, चंद उद्योगपतियों की वजह से पूरी किसान कौम का भविष्य अंधेरे में धकेल देना। सरकार ने जो कानून पास किए हैं, वो कहते हैं कि आप अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हो, आज भी आपको कौन रोकता है ? लेकिन मंडियों को समाप्त कर देना, न्यूनतम समर्थन मूल्य जो केंद्र सरकार घोषित करती है, उसको कानूनों में डाला नहीं गया। इन कानूनों में कहीं प्रावधान नहीं है कि छोटे किसान की रक्षा होगी।
किसानों के समर्थन में एकजुट हुए तमाम विपक्षी दल- Sachin Pilot
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि दिल्ली में बैठे किसानों ने गांधीवादी परंपरा का परिचय दिया, संयम से समझौता करने के लिए बात की, शांति से प्रेम से अपनी बात को रखा। केंद्र सरकार ने 11 बार न्यौता दिया, लेकिन क्या मजबूरियां हैं केंद्र सरकार की, ऐसी क्या मजबूरी है केंद्र सरकार की, क्या विवशताएं हैं कि आप कानून वापस नहीं लेना चाहते हैं। मैं धन्यवाद देना चाहता हूं सोनिया गांधी जी का जिन्होंने 22 पॉलिटिकल पार्टीज को इकट्ठा किया और तमाम विपक्ष ने एक स्वर में कहा कि हमारे आपस में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश के किसान के लिए हम सब एकजुट खड़े रहेंगे। इस देश के किसान के लिए, ये मुद्दा किसी दल का नहीं है, ये मुद्दा किसी एक नेता का नहीं है।
हिंदुस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर भी नहीं हैं ऐसे इतंजाम- सचिन पायलट
वहीं गणतंत्र दिवस पर लाल किले में हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लाल किले जो घटना हुई उसकी हम सबको कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। अगर हमारे देश के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ करता है, हमारे तिरंगे के मान-सम्मान में कोई कमी लेकर आता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन उस दिन की आड़ में आपने सैकड़ों किसानों पर मुकदमे कर दिए, किसानों को पाबंद कर दिया, बैरिकेड खड़े कर दिए, कीलें गाढ़ दिए, आपने दिल्ली की बॉर्डर पर जिस प्रकार का प्रबंध किया है, ऐसा तो हिंदुस्तान-पाकिस्तान की सरहद पर भी नहीं होता।
मंडी और एमएसपी बंद हुईं तो कहां जाएगा गरीब आदमी ?
Sachin Pilot ने तीन कानूनों से देश की जनता को होने वाले नुकसानों पर बात करते हुए कहा कि आपने कहा निजी उद्योग आपसे माल खरीद सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं है, स्टॉक सीमा को समाप्त कर दिया। इस देश में खाद्य सुरक्षा का कानून है, आज 2 रुपए किलो गेहूं और 3 रुपए किलो चावल हम लोगों को मिलता है क्योंकि सार्वजनिक वितरण की हमारी जो प्रणाली है उसके तहत राशन कार्ड के जरिए गरीब आदमी अनाज ले सकता है। सरकार देती है वो अनाज और सरकार जब अनाज खरीदना बंद कर देगी, तो गरीबों का पेट कैसे पालेंगे ? हमारे बीपीएल के साथी जो पीडीएस अनाज मिलता है, सरकार खरीदती है तो अनाज मिलता है न।
अगर सारे उद्योगपति अनाज खरीद लेंगे, तो खाद्य सुरक्षा कानून का क्या होगा ? सरकार बोलती है कि मंडी बंद नहीं करेंगे, आप बंद मत करो, लेकिन दो-तीन साल में अपने आप ठप्प हो जाएगी। जब मंडी बंद हो जाएगी, खरीद बंद हो जाएगी, तो गरीब आदमी कहां जाएगा ? किसान की आय दोगुनी करना तो भूल जाओ, जितने साल आप सत्ता में रहे, किसान की फसल पर जो बोनस दिया जाता था, वो भी खत्म कर दिया।