दा एंगल।
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में काफी हंगामा रहा है। नए कृषि कानून के विरोध में देश का अन्नदाता पिछले तीन महीने से अधिक समय से बाॅर्डर पर धरना दे रहा है। इन किसानों ने केंद्र सरकार से इन तीन कृषि कानूनों को हटाने की मांग की है। इसी मांग को लेकर वो बाॅर्डर पर डटे हुए है। सरकार और किसानों के बीच 11 दौरे की बातचीत हो चुकी है मगर इन वार्ताओं का अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है।
आंदोलन जारी रखने का ऐलान
किसानों का कहना है कि जब तक ये केंद्र सरकार इन कानून को वापस नहीं ले लेती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी। इस रैली में हिंसा होने के बाद कई संगठनों ने आंदोलन वापस ले लिया। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन को जारी रखने का फैसला लिया। वे देष के विभिन्न राज्यों में जाकर किसान आंदोलन के लिए समर्थन हासिल करने के लिए रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। सिंघु बाॅर्डर पर टिके किसानों ने सरकार से कई दौरे की वार्ता के बाद अब आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है। इसके तहत छह मार्च को किसान संगठनों ने केएमपी एक्सप्रेस वे को छह घंटे के लिए जाम करने का फैसला किया है। शनिवार को देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
केंद्र सरकार के खिलाफ किसान
इस आंदोलन में बड़ी संख्या में युवाओं को जोड़ा जाएगा। गर्मी के मौसम को देखते हुए किसानों ने पंखे, कूलर और एसी लगाए जा रहे हैं। जिससे गर्मी में भी किसान अपना आंदोलन जारी रख सके। इसके अलावा पीने के पानी, छबील और गन्ने के रस की व्यवस्था की गई है। किसानों ने प्रदर्शनस्थल पर बोरवेल भी लगवा लिया है। प्रदर्शनस्थल पर किसानों का जोश पहले दिन जैसा ही है। वहीं युवाओं टोली ट्रैक्टर मार्च कर नारेबाजी करती दिख रही है। वहीं हरियाणा के अलग-अलग स्थानों से आई महिलाएं भी प्रदर्शनस्थल पर दिख रही हैं।