The Angle
नई दिल्ली।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर धर्मनिरपेक्षता को वोट हाईजैक करने की मशीन के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धर्मनिरपेक्षता के प्रति हमारी संवैधानिक प्रतिबद्धता के नायक हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों को अपना समर्थन दे रहा है और धीरे-धीरे भाजपा से जुड़ रहा है।
कम्युनल बैग पर सैक्यूलर का टैग है कांग्रेस- नकवी
केंद्रीय मंत्री नकवी ने असम और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिलने का दावा किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने असम में एआईयूडीएफ, पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) और केरल में आईयूएमएल से जो समझौता किया है, उससे स्पष्ट हो गया है कि धर्मनिरपेक्षता उसके लिए सिर्फ वोट हाईजैक करने की मशीन भर है। उन्होंने कहा कि मैंने कहा है कि यह कम्युनल बैग पर सेक्युलर टैग है। असम, केरल और पश्चिम बंगाल में जिन पार्टियों के साथ कांग्रेस ने समझौता किया है, उससे साफ है कि कांग्रेस और उसकी साथी पार्टियों के लिए धर्मनिरपेक्षता सिर्फ वोट कैचिंग मशीन है और वोट हाइजैक करने की मशीन है। अब ये बेनकाब हो चुके हैं इसीलिए कांग्रेस अलग-थलग पड़ती जा रही है।
नकवी बोले- मोदी सरकार ने नहीं किया किसी से कोई भेदभाव
नकवी ने धर्मनिरपेक्षता के जरिए समावेशी विकास को लेकर अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भाजपा और नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए संवैधानिक संकल्प भी है और मिशन भी है। कोई भी नहीं कह सकता कि मोदी सरकार ने किसी के साथ कोई भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। इससे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी कोई नहीं हो सकती। नकवी ने प्रधानमंत्री के 2014 के एक भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि शपथ लेने से पहले मोदी जी ने संविधान के सामने सिर झुकाकर कहा था कि जिसने वोट दिया और जिसने नहीं दिया, हमारे लिए सब बराबर हैं।
हर चुनाव को जनमत संग्रह के रूप में देखा जाना ठीक नहीं- नकवी
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा असम में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर बैकफुट पर है, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि हम सीएए को लेकर कोई बैकफुट पर नहीं हैं। वहां हमने पांच साल सरकार चलाई है। हमारे लिए प्राथमिकता लोगों को अपने काम और उसके सकारात्मक असर के बारे में बताना है। इन चुनावों के परिणाम के राष्ट्रीय राजनीति पर असर से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह चुनावों का देश है। हर चुनाव को राष्ट्रीय राजनीति पर असर या जनमत संग्रह के रूप में देखा जाए, वो ठीक नहीं है। यह केंद्र के लिए जनमत संग्रह नहीं है, लेकिन इनमें निश्चित तौर पर जनता पर नेतृत्व और सरकार का असर दिखता है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हार की हताशा में ईवीएम पर सवाल खड़े कर रही है।