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अब सत्याग्रह के सहारे कृषि कानूनों का विरोध जताएगी किसान महापंचायत, रामपाल जाट दिल्ली हुए रवाना

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किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट (फाइल इमेज)

The Angle

जयपुर।

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट आ दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वे कल दिल्ली पुलिस प्रशासन से मिलकर जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति लेंगे। 13 अप्रैल को होने वाले इस सत्याग्रह में करीब 200 लोग मौजूद रहेंगे। रामपाल जाट के साथ जगदीश नारायण खुडियाला और बत्तीलाल बैरवा भी दिल्ली के लिए रवाना हुए।

रामपाल जाट बोले- दांडी मार्च से प्रेरित होकर सत्याग्रह करने का किया फैसला

रामपाल जाट ने बताया कि सत्याग्रह से पहले प्रदेश के सभी जिलों सीकर, दूदू, पाली, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर और भरतपुर में सत्याग्रहियों की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा 1930 में अंग्रेजों के बनाए नमक कानून को तोड़ने के लिए किए गए दांडीमार्च का समापन समारोह मनाया गया है। इसी से प्रेरणा लेते हुए किसान महापंचायत ने सत्याग्रह शुरू करने का फैसला किया है क्योंकि किसानहितों के लिए लोकप्रियता का मोह छोड़कर सत्याग्रह के जरिए ही किसान कानूनों को लेकर चल रहे संघर्ष का समाधान हो सकता है।

केंद्र की संवेदना जगाने के लिए विभिन्न शांतिपूर्ण कार्यक्रम होंगे आयोजित

जाट ने आगे कहा कि सरकार की संवेदना जगाने और शासनकर्ताओं की आत्मा को जगाने के लिए सत्याग्रह में नियमित प्रार्थना सभा, उपवास, धरना, अनशन, प्रदर्शन आदि शांतिपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले भी जयपुर के दूदू से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए आंदोलन किया गया था।

केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र एक बाजार के नाम पर तीन नए कानून कर दिए लागू

इसी क्रम में किसानों की सुनिश्चित आय और मूल्य अधिकार विधेयक, 2012 का प्रारूप तैयार हुआ, उसी के आधार पर 8 अगस्त 2014 को एक निजी विधेयक को लोकसभा में सर्वसम्मति से विचार करने के लिए स्वीकार किया गया था। 25 दिसंबर, 2016 को प्रधानमंत्री कार्यालय में एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने पर सहमति हुई थी। किसान संगठनों का समूह बनना आरंभ हुआ। लेकिन 5 जून को केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र एक बाजार के नाम पर तीन नए कानून लागू कर दिए। जिसके विरोध में करीब 4 महीने से देश में ऐतिहासिक आंदोलन चल रहा है।

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