The Angle
जयपुर।
कोरोना संकटकाल में कांग्रेस विधायकों की ओर से 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बलिदान दिवस पर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो एंबुलेंस देने की घोषणा की गई है। लेकिन जानकारों की मानें तो ये विधायक चाहकर भी 21 मई को इस निर्देश की पालना नहीं कर पाएंगे।
21 मई को सभी एंबुलेंस एकसाथ मिल पाना संभव नहीं
दरअसल इसकी एक वजह यह भी है कि कांग्रेस के 110 विधायकों की ओर से 220 एंबुलेंस दी जानी हैं। ऐसे में इतनी बड़ी तादाद में एंबुलेंस एकसाथ दे पाना संभव नहीं है। ऐसे में पहले दिन केवल सांकेतिक तौर पर ही एंबुलेंस दी जा सकेंगी। बताया जा रहा है कि जयपुर सहित प्रमुख शहरों में एक या दो एंबुलेंस देकर घोषणा कर दी है। कहा जा रहा है कि 21 मई को ज्यादा एंबुलेंस मिल सके, इसके लिए कई निर्माता कंपनियों से भी बात भी की गई है। लेकिन कंपनियों ने एकसाथ इतनी बड़ा ऑर्डर पूरा कर पाने में असमर्थ हैं।
एंबुलेंस के लिए पहले जारी होंगे टेंडर, फिर की जाएगी खरीद
जानकारी के मुताबिक वाहनों को एंबुलेंस में बदलने में काफी समय लगता है। कंपनी वाहन में असेंबल करने में तकरीबन 10 से 15 दिन का समय लेती है। ऐसे में पहले दिन ही इतनी बड़ी तादाद में एंबुलेंस तैयार नहीं हो पाएंगी। वहीं कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इसके लिए सत्ता और संगठन मिलकर टेंडर जारी करेंगे और टेंडर के जरिए ही खरीद होगी। इसके लिए कांग्रेस पार्टी और सरकार कई अलग-अलग कंपनियों से बातचीत कर रही है। कहा जा रहा है कि एक या 2 दिन में सरकार खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी कर सकती है। इसके बाद जिस कंपनी को खरीद का टेंडर मिलेगा उस कंपनी के द्वारा तैयार एंबुलेंस अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में भेजी जाएंगी।
सभी कांग्रेसी विधायकों को दिए गए हैं निर्देश
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बलिदान दिवस के मौके पर प्रदेश कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को अपने विधायक कोष से 2-2 एंबुलैंस विधानसभा क्षेत्रों को देने को कहा है। इससे कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा का लाभ मिल सकेगा।
इससे एक तरफ जहां आमजन को सहूलियत होगी, वहीं स्वास्थ्य विभाग पर एम्बुलेंस की कमी से पड़ने वाला भार भी कुछ हद तक कम हो सकेगा। इससे प्रदेश का चिकित्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत होगा।