The Angle
नई दिल्ली।
हर साल एक जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 जून 2001 से हर साल इस दिन को एक थीम के साथ मनाया जा रहा है। 2021 में इसकी थीम डेयरी क्षेत्र में स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने की है। दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है.दूध में प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों के विकास के लिए लाभदायक होता है। कमजोर पाचन, त्वचा संबंधी समस्याओं और अपच से परेशान लोगों को दूध के सेवन से बचना चाहिए।
दुग्ध उत्पादन का भारत सबसे बड़ा देश
भारत में पिछले छह सालों के दौरान दूध उत्पादन 35.61 फीसदी बढ़कर 2019-20 में 19 करोड़ 84 लाख टन हो गया है। 2020 में राजस्थान में करीब 20 अरब लीटर दूध का उत्पादन हुआ था.राजस्थान देशभर में दूध और दुग्ध उत्पादकों का छठा सबसे बड़ा बाजार है।
विश्व दुग्ध दिवस मनाने की शुरुआत एक जून 2001 को हुई थी। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन विभाग द्वारा की गई थी। विश्व दुग्ध दिवस में पिछले सालों में 70 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। इन देशों में दूध के महत्व को समझने के लिए कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है। दरअसल इस दिन को मनाने के पीछे लोगों को दूध के महत्व को बताना है।
हर साल एक जून को मनाया जाता
हर साल इस दिन कई आयोजन होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना होने की वजह से कोई भी कार्यक्रम नहीं हो रहा है। इस वष विश्व दुग्ध दिवस की थीम पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता पर केंद्रित होगी। विषय का उद्देश्य नियमित रूप से आहार में दूध और डेयरी उत्पादों को शामिल करने के बारे में जागरूकता फैलाना है ताकि लोगों का स्वास्थ्य बेहतर रह सके और दूध का सही उपयोग हो सके।