The Angle
नई दिल्ली/जयपुर।
केंद्र सरकार ने सीबीएसई और आईबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किया है। इसके बाद राजस्थान में भी 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से छात्र-हितैषी फैसला लेने की अपील की है।
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्रियों से की छात्र-हितैषी निर्णय लेने की अपील
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि CBSE की तरह राज्यों के बोर्डों को भी छात्रों, अभिवावकों, शिक्षकों की बात सुनकर 12वीं की परीक्षा के संदर्भ में छात्र-हितैषी निर्णय लेने चाहिए। मेरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, शिक्षा मंत्रियों से अपील है कि अपने निर्णयों में छात्रों की आवाज, उनके स्वास्थ्य की रक्षा को महत्व दें।
राज्य सरकार पर बढ़ रहा परीक्षा रद्द करने का दबाव
बता दें आज शाम होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसपर फैसला लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी। वहीं मोदी सरकार का फैसला भी बच्चों के स्वास्थ्य हित में रहा। ऐसे में कांग्रेस शासित राज्य होने के नाते सीएम गहलोत पर परीक्षा रद्द करने को लेकर दबाव बढ़ गया है। सीएम गहलोत आज शाम 5 बजे वीसी के माध्यम से मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे।
मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास बोले- कैबिनेट की मीटिंग में रखूंगा परीक्षाएं रद्द करने की बात
वहीं राज्य में कई राजनीतिक और अभिभावक संगठनों की ओर से भी 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग उठाई जा रही है। वहीं बैठक से पहले राज्य के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने ट्वीट कर कहा कि CBSE की तरह राजस्थान बोर्ड की परीक्षा भी हों रद्द होगी। आज कैबिनेट की मीटिंग में भी परीक्षाएं रद्द करने की बात रखूंगा इस वक़्त कोरोना को हराना ही हमारी प्राथमिकता है।
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बोलीं- बच्चों के स्वास्थ्य की परवाह बगैर उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता से रखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा CBSE 12वीं बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय स्वागत योग्य है। बच्चे देश का भविष्य हैं, भारत के पालनहार हैं! वहीं बच्चों की सुरक्षा के लिए लिया गया यह फैसला मोदी सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम है। राजस्थान सरकार को भी विद्यार्थियों के परिजनों, अध्यापकों व मैनेजमेंट की भावनाओं का ख़याल रखते हुए राजस्थान बोर्ड परीक्षाओं पर जल्द से जल्द उचित निर्णय लेना चाहिए। कोरोना के इस तनावपूर्ण माहौल में बच्चों के स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर उन्हें परीक्षा के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।