The Angle
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के साथ वर्चुअली वार्ता की। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा की कोरोना वैश्विक महामारी, पूरी दुनिया के सामने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है। लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है, जब जब मानवता पर कोई बड़ा संकट आया है, साइन्स ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं।
हमारे देश के वैज्ञानिक तेज गति से काम कर रहे है- पीएम
पीएम ने कहा की बीती शताब्दी का अनुभव है कि जब पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी तो भारत को उसके लिए कई-कई साल का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं।
सीएसआईआर संस्था ने देश को बहुत सी प्रतिभाएं दी है
किसी भी देश में साइन्स और टेक्नालॉजी उतनी ही ऊंचाइयों को छूती है, जितना बेहतर उसका इंडस्ट्री से, मार्केट से संबंध होता है। हमारे देश में CSIR साइन्स, सोसाइटी और इंडस्ट्री की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था का काम करता है। हमारी इस संस्था ने देश को कितनी ही प्रतिभाएं दी हैं, कितने ही वैज्ञानिक दिये हैं। शांतिस्वरूप भटनागर जैसे महान वैज्ञानिक ने इस संस्था को नेतृत्व दिया है।
आज भारत हर दिशा में आत्मनिर्भर बनना चाहता है
उन्होने कहा की आज भारत, एग्रिकल्चर से एस्ट्रॉनॉमी तक, आपदा प्रबंधन से रक्षा प्रौद्योगिकी तक, वैक्सीन से वर्चुअल रियलिटी तक, बायोटेक्नालजी से लेकर बैटरी टेक्नालजीज तक, हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है।