Home Religion आज से चार महीने नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य, शादी के लिए...

आज से चार महीने नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य, शादी के लिए कुंआरों को करना होगा इंतजार

388
0

The Angle
जयपुर।

आज देवउठनी एकादशी से चार महीनों तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है। अब चार महीने बाद ही मांगलिक कार्य होंगे। वैष्णव संतों के चातुर्मास आज से शुरू हो गए हैं। आज से चार महीनों तक मांगलिक कार्य विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार, मुंडन संस्कार, दीक्षाग्रहण, नवीन गृहप्रवेश शुभ कार्य नहीं होंगे हालांकि इन दिनों में खरीदारी, लेन-देन, निवेश, नौकरी और बिजनेस जैसे नए कामों की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे।

चातुर्मास हुए शुरू

आषाढ़ शुक्ल एकादशी आज से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी 15 नवम्बर तक रहेगी। ऐसा कहा जाता है कि चातुर्मास आरंभ होते ही भगवान विष्णु सृष्टि संचालन का कार्य भगवान शिव को सौंपकर खुद क्षीर सागर में योग निद्रा के लिए चले जाते हैं। चातुर्मास में शिव आराधना का भी बहुत महत्व है। सावन का महीना भी चातुर्मास में ही आता है।

लगभग चार माह बाद उन्हें उठाया जाता है। उस दिन को देवोत्थानी एकादशी कहा जाता है। इस बीच के अंतराल को ही चातुर्मास कहा गया है। चार महीने सावे बंद होने से शादी के लिए लोगों का इंतजार बढ़ गया है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु के योग निद्रा का विश्राम काल पूरा करने के बाद क्षीर सागर से निकल कर पुनः सृष्टि संचालन शुरू करने का दिवस ही देव उठनी ग्यारस माना जाता है। देवउठनी एकादशी के साथ ही शुभ कार्यों का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

आज से मांगलिक कार्यों पर विराम

आज देवउठनी एकादशी से शुभ कामों पर विराम लग गया हैं। अब चार महीने के बाद ही मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे। देवोत्थानी एकादशी में विवाह का पहला मुहूर्त 15 नवंबर को है। नवंबर माह में 7 और दिसंबर में 6 विवाह के शुभ मुहूर्त होंगे। साल के अंत में भी 13 दिसंबर तक ही मुहूर्त के बाद फिर से मळमास प्रारंभ हो जाएगा। अगले साल जनवरी 2022 में भी केवल 22 व 23 तारीख को विवाह के मुहूर्त रहेंगे। इस बीच 6 से 12 जनवरी तक शुक्र का तारा अस्त रहेगा। फरवरी 2022 में 5, 6, 10 और 18 तारीख को मुहूर्त रहेंगे उसके बाद 24 फरवरी को गुरु अस्त होने के साथ मांगलिक कार्य प्रतिबंधित हो जाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here