The Angle
नई दिल्ली।
पद्म विभूषण और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आज दूसरी पुण्यतिथि है। साल 2019 में आज ही के दिन उनकी दिल्ली के एम्स में मृत्यु हुई थी। आज सुषमा स्वराज को सभी नेता और उनके प्रशंसक याद कर रहे है।
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी है सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज एक प्रखर और ओजस्वी वक्ता के साथ साथ प्रभावी पार्लियामेंटेरियन और कुशल प्रशासक मानी जाती थीं। सुषमा स्वराज 7 बार सांसद रही। सुषमा स्वराज ने तीन बार विधानसभा चुनाव भी लड़ा और जीत हासिल की थी। उन्होंने बीते चार दशकों में कुल 11 चुनाव लड़े थे। वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं। देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम है।
हिंदी पर थी शानदार पकड़
सुषमा स्वराज की हिन्दी पर बड़ी शानदार पकड़ थी। उनकी हिंदी में तत्सम शब्द अधिक होते थे। फिर भी उनकी भाषा बनावटी नहीं लगती थी। विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने अपने एक चर्चित भाषण में सितम्बर 2016 में सयुंक्त राष्ट्र में हिन्दी में ही भाषण दिया था।उनके इस भाषण की पूरे देश में चर्चा हुई थी। विश्व हिन्दी सम्मेलनों में वे बढ़चढ़कर भाग लेतीं थीं। हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए भी उन्होने अनेक प्रयत्न किए। संस्कृत से भी उनका विशेष प्रेम था। वे सदा संस्कृत में शपथ लेतीं थीं। उन्होने अनेक अवसरों पर संस्कृत में भाषन दिया।
कई भाषाओं में माहिर थी स्वराज
वे अनेक भाषाओं में पारंगत थीं। हिंदी उत्कृष्ट, अंग्रेजी फ्लूएंट, संस्कृत धाराप्रवाह, हरियाणवी धड़ाधड़, पंजाबी इतनी प्यारी, उर्दू भी इतनी अच्छी। फिर जब कर्नाटक से चुनाव लड़ीं, तो कन्नड भी सीख लिया। भाषाज्ञान के साथ वे प्ररखर और ओजस्वी वक्ता, प्रभावी सांसद और कुशल प्रशासक थीं। एक समय अटल बिहारी वाजपेयी के बाद सबसे लोकप्रिय वक्ता थीं।