The Angle
जयपुर।
राजस्थान में छह जिलों की 25 पंचायतों में तीन चरणों में पंचायत के चुनाव है। पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा ओर कांग्रेस ने पूरी ताकत झौंक रखी है। दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता प्रत्याशियों के समर्थन में जगह-जगह जनसभाएं कर रहे हैं। वहीं आरएलपी ने अपने उम्मीदवार खड़े करके दोनों पार्टियों की नींद हराम कर दी हैं। अब कहीं-कहीं आरएलपी और दोनों पार्टियों के बीच त्रिकोणा मुकाबला देखन को मिल रहा है।
बड़े नेताओं की जनसभाएं
वहीं भाजपा ने भी पंचायत चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी है। पार्टी के बड़े नेताओं ने प्रत्याशियों के समर्थन में जगह-जगह जनसभाएं करके अपने प्रत्याशियों को जीताने की अपील की है। राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने सवाईमाधोपुर के बौंली में मुख्य बाजार में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो किया। इस दौरान भाजपा नेताओं ने किया दीया कुमारी का स्वागत किया।
जगन्नाथ चौक में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विकास के नाम पर कुछ भी काम नहीं हुआ हैं। वहीं इन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है। इन चुनावों में जीतने पर कांग्रेस के कई मंत्रियों का कद बढ़ेगा तो हारने पर उनके लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो जाएगी।
राजस्थान में कइयों की साख दांव पर
राजस्थान के इन पंचायत चुनावों में विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर लगी है। दरअसल, पंचायत चुनाव के पहले चरण में आमेर विधानसभा क्षेत्र की भी पंचायत समितियां शामिल है, जहां से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया विधायक हैं।
इसके अलावा भाजपा विधायक पब्बाराम विश्नोई के विधानसभा क्षेत्र फलोदी, समाराम गरासिया क्षेत्र पिंडवाड़ा और जगसीराम कोली के क्षेत्र रेवदर की भी कुछ पंचायत समितियों में पहले चरण के तहत मतदान हैं. मतलब भाजपा के इन विधायकों की प्रतिष्ठा तो दांव पर है ही लेकिन जोधपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद होने के कारण केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की सांख भी इन छोटे चुनाव में दांव पर है. हालांकि, पहले चरण के चुनाव में मुख्यमंत्री गहलोत सहित उनके 5 मंत्री और 9 कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है।